Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 3 February, 2022 12:57 AM IST
Agriculture

एक तरफ़ फरवरी माह सब्जियों की बुवाई के लिए अधिक उत्तम माना जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ फरवरी महीने में जलवायु परिवर्तन की वजह से कई तरह के रोग व कीट लगने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में किसानों को उनकी फसल को रोग व कीट के खतरे से बचाने के लिए आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-Indian Agricultural Research Institute) के वैज्ञानिकों ने जरुरी सलाह दी है.

कृषि वैज्ञनिकों का कहना है कि मौसम में होता बदलाव फसलों के उत्पादन पर अपना प्रभाव छोड़ सकता है. ऐसे में फसलों में रोग और कीट के प्रकोप (Disease And Pest Outbreaks In Crops) से उत्पादन क्षमता कम हो सकती है, इसलिए फसलों पर विशेष ध्यान देना जरुरी है.

फसलों में रोग और कीट के लिए सलाह (Advice For Diseases And Pests In Crops)

वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में बारिश की सम्भावना बढ़ सकती है, तो ऐसे में जिनके खेत में फसलें खड़ी हैं, वो किसान किसी भी प्रकार छिड़काव ना करें. इसके साथ ही सिंचाई भी ना करें.

गेहूं में रतुआ रोग का खतरा (Dangers Of Rust Disease In Wheat)

इस मौसम में गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग का खतरा बना रहता है. तो ऐसे में फसल पर विशेष निगरानी बनाए रखें, साथ ही पीला रतुआ रोग होने पर फसल में डाइथेन एम-45 को 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें.

चने में फली छेदक रोग का खतरा (The Danger of Pod Borer Disease in Gram)

वहीँ, इस मौसम में चने की फसल में फली छेदक कीट का प्रकोप भी बढ़ने की सम्भावना रहती है. इन कीटों से बचाव के लिए फसल में 3-4 फेरोमॉन ट्रैप प्रति एकड़ उन खेतों में लगाएं, जहां पौधों में 40-45% फूल खिल गये हों. इसके अलावा खेत में "T" अक्षर आकार के पक्षी बसेरा खेत के विभिन्न जगहों पर लगाएं.

आलू में पछेती झुलसा रोग होने पर (In Case Of Late Jhulsa Disease In Potato)

इन दिनों आलू में पछेती झुलसा रोग होने का खतरा भी रहता है. ऐसे में शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर फसल में 2 ग्राम केप्टान प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़क दें.

बुवाई के लिए सलाह (Sowing Advice)

भिन्डी की किस्मों का चयन (Selection Of Okra Varieties)

जैसा कि हमने ऊपर अपने लेख में बताया है कि फरवरी महीना सब्जियों की बुवाई के लिए उत्तम होता है, इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए वैज्ञनिकों ने सलाह दी है कि किसान भाई इन दिनों खेत में भिन्डी की अगेती बुवाई कर सकते हैं. भिंडी की अगेती बुवाई के लिए ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि  किस्में उत्तम है. इनकी बुवाई के लिए खेतों को पलेवा कर देसी खाद डालकर तैयार करें.

कद्दुवर्गीय सब्जियां उगाएं (Grow Pumpkin Vegetables)

वहीँ, किसानों को सलाह दी गई है कि कद्दूवर्गीय सब्जियों में मिर्च, टमाटर, बैंगन आदि की बुवाई कर सकते है.

English Summary: keep these things in mind in farming in the month of february, production will increase
Published on: 03 February 2022, 02:34 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now