Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 11 September, 2020 1:50 PM IST
Wheat

भारत का गेहूं की खेती और उत्पादन में प्रमुख स्थान है. उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं. गेहूं की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए कई बातों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है. 

अगर किसान गेहूं की उन्नत किस्मों और वैज्ञानिक विधि से बुवाई करते हैं, तो इसके उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. गेहूं की खेती पर काफी अनुसंधान हो रहा है, साथ ही उन्नत किस्मों के लिए खेती की नई विधियां निकाली जा रही हैं, इसलिए आवश्यक है कि हर किसान को गेहूं की खेती की नई और सही जानकारी हो. इससे वह गेहूं की अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. आज हम अपने किसान भाईयों को गेहूं की नई और उन्नत खेती संबंधी जानकारी देने जा रहे हैं, इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ते रहें.

गेहूं की अधिक पैदावार के लिए निम्न बातों पर विशेष ध्यान दें

  • अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए किसान अपने क्षेत्र के लिए अनुमोदित उन्नत किस्म के बीज का चुनाव करें.

  • किसानों को अधिक पैदावार लेने के लिए शुद्ध प्रमाणित बीज उगाना चाहिए.

  • खेत में पौधों की उचित संख्या के लिए आवश्यक है कि गेहूं का जमाव कम से कम 85 प्रतिशत हो.

  • धान की कटाई के बाद पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चहिए. इसके बाद 2 से 3 हल्की जुताई करनी चाहिए.

  • अगर खेत में नमी की कमी है, तो बुआई के 8 से 10 दिन पहले सिंचाई कर देना चाहिए.

  • अधिक पैदावार के लिए गेहूं में 120 किग्रा खाद प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डालनी चाहिए.

  • खाद की दो-तिहाई या आधी मात्रा बुआई के समय, एक तिहाई या आधी मात्रा पहली सिंचाई के समय कतारों के बीच में डालनी चाहिए.

  • अगर रेतीली भूमि में खेती कर रहे हैं, तो खाद 3 बार डालनी चाहिए.

  • अगर धान के बाद गेहूं की बुवाई कर रहे हैं, तो खाद की मात्रा 150 किग्रा प्रति हेक्टर से देनी चाहिए.

  • खाद मिट्टी की जांच के आधार पर डालनी चाहिए. अगर जांच नहीं कर पाते हैं, तो 50 से 60 किग्रा प्रति हेक्टर की दर से डालनी चाहिए.

  • खाद खेत में तभी डालें, जब इसकी कमी हो.

  • गेहूं की अच्छी और अधिक पैदावार के लिए समय पर बुआई कर देना चाहिए.

  • फसल की अच्छी पैदावार के लिए 100 किग्रा बीज की मात्रा पर्याप्त रहती है.

  • खाद खेत में तभी डालें, जब इसकी कमी हो.
  • गेहूं की अच्छी और अधिक पैदावार के लिए समय पर बुआई कर देना चाहिए.

  • फसल की अच्छी पैदावार के लिए 100 किग्रा बीज की मात्रा पर्याप्त रहती है.

  • अगर गेहूं की बुवाई देर से करते हैं, तो बीज की मात्रा बढ़ाकर 125 किग्रा प्रति हेक्टेयर कर देना चाहिए.

  • गेहूं का बीज समुचित नमी वाली भूमि में 8 सेमी की गहराई पर डालना चाहिए. ध्यान रहे कि बीज को अधिक गहराई में न बोएं.

English Summary: Information on scientific sowing of wheat
Published on: 11 September 2020, 01:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now