फसल की अच्छी वृद्धि पाने के लिए नाइट्रोजन की प्राप्त मात्रा में आवश्यकता होती है. जो इन्हें लेग्यूमिनस के पौधों से मिलता है. दरअसल, लेग्यूमिनस पौधों में नाइट्रोजन एकत्रित करने का काम करती है. सरल भाषा में कहां जाए तो यह अपनी जड़ों में नाइट्रोजन को इकट्टा करती है, जो खेत की आने वाली फसलों को अधिक लाभ पहुंचाती है. तो आइए इस लेख में आज हम इसके सही इस्तेमाल व अन्य कई जरूरी जानकारियों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
हार्वेस्टिंग के बाद फसल की जड़ों से मिलेगा अच्छा फायदा
अगर आपके खेत में मूंगफली की फसल (Moongfali Crop) है और आपने इसकी हार्वेस्टिंग कर दी है, तो खेत में बची हुई फसल के अवशेषों को जलाएं नहीं बल्कि खेत में अच्छे तरीके से जुताई करें. जुताई के लिए आप बाजार में मिलने वाले कृषि उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं. जुताई के लिए सबसे अच्छा कृषि उपकरण रोटावेटर (Farm Equipment Rotavator) है, जिसकी मदद से किसान कम समय व कम खर्च में पूरे खेत में पुरानी फसल की बची हुई जड़ों की अच्छे से जुताई कर देता हैं.
लेग्यूमिनस के पौधों की जड़ों में होता है नाइट्रोजन
आपको इस तरह से जुताई करनी है कि लेग्यूमिनस के पौधों यानी की फलीदार पौधे की जड़ें खेत में पूरी तरह से सड़ जानी चाहिए. ऐसा इसलिए करना है क्योंकि जब पौधे की जड़े खेत की मिट्टी में सड़ जाएंगी, तो उसमें मौजूद नाइट्रोजन की मात्रा मिट्टी में अच्छे से मिल जाएगी. ध्यान रहे कि नई फसल लगाने से पहले आपको खेत की दो से तीन बार जुताई करनी है. ताकि आपकी फसल अच्छे से वृद्धि कर सके और बढ़िया पैदावार दे सके. लेग्यूमिनस के पौधों (Leguminous plants) की जड़ों को जलाएं नहीं बल्कि अच्छे तरीके से कटाई करवाकर उसे खेत में फैला दें और फिर पूरे खेत की सही से जुताई करें. आपको आने वाली फसल से अच्छा मुनाफा मिलेगा. ये ही नहीं इसके इस्तेमाल से खेत में कम मात्रा में उर्वरक की जरूरत पड़ती है.
यह भी देखें- इन 5 औषधीय पौधों की खेती से मिलेगी बंपर पैदावार व दोगुना मुनाफा
किसानों की आमदनी में होगी वृद्धि
इस विषय पर किसान सुमित कटारिया का कहना है कि लेग्यूमिनस का खेत में प्रयोग किसानों की आय को बढ़ाने का काम करता है और साथ ही यह आने वाली फसल के उत्पादन में भी बढ़ोतरी का काम करता है. आगे उन्होंने बताया कि यह खेत की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाने में मददगार है. उनका यह भी कहना है कि लेग्यूमिनस एक तरह की ऑर्गेनिक विधि (Organic Method) है. किसान भाई इसे केमिकल विधि (Chemical Method) न समझें.
सुमित ने किसानों को यह भी सलाह दी कि वह अपने खेत में जितना हो सके आर्गेनिक का ही इस्तेमाल करें. उन्होंने कहा कि अगर आप भविष्य में अपने खेत से अच्छा और अधिक उत्पादन पाना चाहते हैं, तो इसके लिए किसानों को अभी से तैयार होना होगा. आज को बदलोगे तो आप अपना भविष्य भी बदल पाएंगे.