मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 15 October, 2021 4:05 PM IST
Papaya Varites

अगर आप पपीते की खेती करते हैं और फसल का अच्छा और अधिक उत्पादन नहीं मिल पाता है, तो हमारा यह लेख आपके बहुक काम आएगा. कई बार किसान भाई शिकायत करते हैं कि उन्हें पपीते की खेती में फसल का उत्पादन अच्छा मिल रहा है

ऐसे में किसानों को पपीते की उन्नत किस्मों पर ध्यान देना जरूरी है. बता दें कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा पपीते की कुछ किस्में (Varieties Of Papaya) विकसित की गई है, जिन्हें एक बार लगाने से 2 से 3 साल तक फल प्राप्त कर सकते हैं. इसके साथ ही किस्मों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस किस्म के पपीते के पौधे में रोग लगने के बाद भी अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. तो चलिए इन किस्मों की खासियत बताते हैं.

पूसा नन्हा किस्म (Pusa Tiny Variety)

पपीते की यह किस्म वैज्ञानिकों द्वारा 1983 में विकसित की गई थी. इस किस्म का पौधे की ऊँचाई 120 से.मी का होता है. इसके फल मध्यम और छोटे आकार के होते हैं. इसकी खासियत यह है कि इस किस्म से 25 – 30 किलो ग्राम फल प्राप्त किए जा सकते हैं. जब इस किस्म के पौधे जमीन से 30 से.मी बड़े हो जाते है, तब फल लगने की क्रिया शुरू हो जाती है.

पूसा जायंट किस्म (Pusa Giant Variety)

पपीते की यह किस्म वैज्ञानिकों द्वारा 1981 में विकसित की गई थी. इस किस्म के फल मध्यम और छोटे आकार के होते हैं. इस किस्म की खासियत यह है कि इस किस्म से 30 – 35 किलो ग्राम फल प्राप्त होता है. जब इस किस्म के पौधे जमीन से 92 से.मी बड़े हो जाते है, तब फल लगने की क्रिया शुरू हो जाती है.

पूसा डेलिशियस किस्म (Pusa Delicious Variety)

पपीते की यह किस्म वैज्ञानिकों द्वारा 1986 में विकसित की गई थी. इस किस्म के फल माध्यम और छोटे आकार के होते हैं. इसकी खासियत यह है कि इस किस्म से 40 – 45 किलो ग्राम फल प्राप्त हो सकते हैं. जब इस किस्म के पौधे जमीन से 80 से.मी बड़े हो जाते है, तब फल लगने की क्रिया शुरू हो जाती है. इस किस्म के पौधे की लम्बाई 216 सेंटीमीटर होती है.

सूर्या किस्म (Surya variety)

पपीते की यह किस्म से 55 – 56 किलो ग्राम फल का उत्पादन (Fruit Production) मिलता है.  इसकी खासियत यह है कि इस किस्म की भंडारण क्षमता (Storage Capacity) बहुत अधिक होती है.

ये खबर भी पढ़ें: क्या है पपेन और पपीते से पपेन कैसे तैयार किया जाये

रेड लेडी 786 किस्म (Red Lady 786 Variety)

पपीते की यह किस्म संकर अच्छी मानी जाती है. इस किस्म के पौधे में नर और मादा के फूल (Male And Female Flowers ) एक साथ पाए जाते हैं, जिसके चलते इस किस्म में फल की उत्पादन क्षमता अधिक होती है. किसान भाई इस किस्म की खेती कर पूरे साल अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.

English Summary: improved varieties of papaya which will give more production
Published on: 14 October 2021, 05:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now