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Updated on: 28 October, 2023 11:36 AM IST
Improved varieties of brinjal

हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों में बैंगन की विभिन्न किस्मों की खेती की जाती है. बैंगन की सभी किस्मों के रंग और आकार में भी काफी अंतर होता है. कई किस्मों के फल बैंगनी रंग के होते हैं, जबकि कुछ किस्में ऐसी भी होती हैं जिनके फल सफेद, हरे और गुलाबी रंग के होते हैं. फल का आकार भी रंग के अनुसार भिन्न-भिन्न होता है. बैंगन के फल गोल, अंडाकार, लम्बे और नाशपाती जैसे होते हैं.

अगर आप बैंगन की खेती करना चाह रहे हैं तो यहां से आप इसकी कुछ उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इन उन्नत किस्मों में आज हम आपको पूसा हाइब्रिड 5, अर्का नवनीत, ग्रीन लांग और पंजाब सदाबहार के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं-

पूसा हाइब्रिड 5

यह किस्म सबसे ज्यादा कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के क्षेत्रों में पाई जाती है. इस किस्म के फल गहरे बैंगनी रंग के और आकार में लम्बे होते हैं. रोपाई के लगभग 80 से 90 दिन बाद फलों की पहली तुड़ाई की जा सकती है. प्रति एकड़ खेत की उपज 20 से 26 टन होती है.

अर्का नवनीत

इस किस्म के फल गोल आकार के होते हैं. फल चमकीले बैंगनी रंग के होते हैं. इस किस्म की खासियत यह है कि इसके फलों में गुदा अधिक तथा बीज कम होते हैं. प्रत्येक फल का वजन 350-400 ग्राम होता है. प्रति एकड़ भूमि पर उपज 24 से 26 टन तक होती है.

ग्रीन लांग

यह संकर किस्मों में से एक है. इसके फल लंबे और हरे रंग के होते हैं. पौधे गुच्छों में फल उत्पन्न करते हैं. पहली कटाई रोपाई के लगभग 60 दिन बाद की जा सकती है.

पंजाब सदाबहार

इस किस्म के पौधे की ऊंचाई 50-60 सेमी होती है. इसके फल लंबे, गहरे बैंगनी और कांटेदार होते हैं. फलों की लम्बाई 18-20 सेमी होती है. इस किस्म में फल छेदक कीट का प्रकोप अन्य किस्मों की तुलना में कम होता है. प्रति एकड़ खेत से 12 से 16 टन बैंगन प्राप्त किया जा सकता है.

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इन किस्मों के अलावा बैंगन की कई अन्य किस्में भी हैं जिनकी खेती सफलतापूर्वक की जाती है. इन किस्मों में पूसा हाइब्रिड 6, भीमा, पंत ऋतुराज, पूसा संकर 9, पूसा श्यामल, पूसा क्रांति, पंत सम्राट, काशी संदेश, अर्का कुसुमकर, अर्का नीलकंठ आदि शामिल हैं. ये सभी किस्में किसान कम लागत के साथ कर सकते हैं.

English Summary: Improved varieties of brinjal and their yield per acre. Farmers get huge benefits from brinjal cultivation
Published on: 28 October 2023, 11:37 AM IST

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