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Updated on: 12 February, 2023 6:02 PM IST
करेले की उन्न्त किस्में, अधिकतम उपज 44 टन प्रति हेक्टेयर

करेला भले ही स्वाद में कड़वा है, मगर यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक माना जाता है. अब करेले की बुवाई का समय दूर नहीं है. ऐसे में किसानों को करेले की उन्नत किस्मों की जानकारी होनी बहुत ही आवश्यक है, जिससे वह अच्छा उत्पादन कर बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.

अर्का हरित

अर्का हरित करेले की उन्नत किस्मों से एक है. इसके फल दिखने में छोटे, धुरी के आकार के और चिकने हरे रंग के होते हैं. अर्का हरित की उपज क्षमता 9-12 टन प्रति हेक्टेयर है.

पूसा विशेष

करेले की यह किस्म स्थानीय संग्रह से चयन और गर्मियों के दौरान बढ़ने के लिए उपयुक्त मानी जाती है. इसके फल दिखने में चमकदार, हरे मध्यम लंबे और मोटे होते हैं.

पूसा दो मौसमी

इस किस्म के फल गहरे हरे, क्लब की तरह 7-8 लगातार रिब्स के साथ होते हैं. इनके फलों का वजन 100-120 ग्राम होता है. तो वहीं पूसा दो मौसमी करेले की उपज क्षमता 12-15 टन प्रति हेक्टेयर है.

पूसा हाइब्रिड 1

इस किस्म के फल मध्यम मोटे, लंबे और चमकीले हरे रंग के होते हैं. यह करेला बुवाई के 120 दिनों में 20 टन/हेक्टेयर उपज देना शुरू कर देता है.

प्रिया (VK1)

दिखने में काफी शानदार और लंबे हरे कांटेदार फल होते हैं. फल की लंबाई 39 सेमी होती है. फलों का वजन 235 ग्राम है. तो वहीं इस किस्म की उत्पादकता 24.5 टन हेक्टेयर है.

प्रियंका

करेले की इस किस्म के फल चिकनी कांटों, मोटे गूदे और कम बीजों वाले बड़े सफेद धुरी के आकार के होते हैं. इसकी उत्पादन क्षमता 28.0 टन/हेक्टेयर है.

एमडीयू 1

इस किस्म के फलों का वजन 300-450 ग्राम होता है. फल की लंबाई 30-40 सेमी और  उपज 30-35 टन/हेक्टेयर है.

सीओबीजीएच 1

करेले की इस किस्म के फल हल्के हरे रंग के, अधिक मस्सों के साथ मोटे होते हैं.  प्रत्येक का वजन 200 ग्राम से 300 ग्राम होता है. बुवाई के 115-120 दिनों में 44.40 टन प्रति हेक्टेयर उपज मिलनी प्राप्त हो जाती है.

कोंकण तारा

इसके फल हरे, कांटेदार, मध्यम लंबे (15-16 सें.मी.) और तकुए के आकार के होते हैं. तो वहीं इस करेले की उपज 24 टन प्रति हेक्टेयर है.

पंजाब 14

पौधे झाड़ीदार होते हैं और यह किस्म हल्के हरे रंग के फल देती है जिनका औसत भार 35 ग्राम होता है. पंजाब 14 की उपज क्षमता 14 टन प्रति हेक्टेयर है.

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कल्याणपुर बारामसी

फल लंबे (30-35 से.मी.), हल्के हरे, पतले और टेपरिंग होते हैं. साथ ही इस किस्म के फल मक्खी और मोज़ेक के प्रति सहिष्णु होते हैं. यह किस्म बुवाई के 120 दिनों में 20 टन प्रति हेक्टेयर उपज देनी शुरू कर देती है.

हिरकानी

इस किस्म के फल गहरे हरे रंग के होते हैं. लंबाई में  15-20 सें.मी. और चुभन वाले, 160 दिनों में 14 टन/हेक्टेयर उपज देते हैं.

फुले ग्रीन

फल गहरे हरे, 25-30 सें.मी. लंबे, कांटेदार, कोमल फफूंदी के प्रति सहिष्णु, 160-180 दिनों में 23 टन/हेक्टेयर उपज देते हैं.

English Summary: Improved varieties of bitter gourd, maximum yield of 44 tonnes per hectare
Published on: 12 February 2023, 06:13 PM IST

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