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Updated on: 8 November, 2024 11:57 AM IST
Azolla Ghas तैयार करते वक्त इन 10 बातों का रखें ध्यान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Azolla Farming Tips: अजोला एक बहुउपयोगी जलीय पौधा है, जिसे पशु, मछली और कुक्कुट चारे के रूप में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है. यह पफर्न पानी की सतह पर छोटे-छोटे समूहों में तेजी से फैलता है और आसानी से बढ़ता है. भारत में इसकी प्रमुख प्रजाति अजोला पिन्नाटा पाई जाती है, जो गर्मी को सहन करने की क्षमता रखती है. इसके पत्तों में एनाबिना नामक नील हरित काई की सूक्ष्म प्रजाति होती है, जो सूर्य के प्रकाश की सहायता से वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करने का कार्य करती है. इस प्रकार, अजोला न केवल पशु आहार के रूप में बल्कि हरे खाद के रूप में फसलों को नाइट्रोजन प्रदान करने में भी सहायक है. लेकिन कभी-कभी किसान अजोला को तैयार करते वक्त कुछ गलतियों को कर देते हैं, जिससे उन्हें नुकसान का सामना करना होता है.

आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, अजोला तैयार करते वक्त किन 10 बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

अजोला का उपयोग

किसान अजोला का उपयोग धान के खेतों में जैविक हरी खाद के रूप में आसानी से कर सकते हैं. इसके लिए रोपाई से पहले 2-4 इंच पानी से भरे खेत में लगभग 10 टन ताजा अजोला डालना होता है. साथ ही, इसके विकास को बढ़ावा देने के लिए 30-40 किलोग्राम सुपर फॉस्फेट का छिड़काव किया जाता है. अजोला की अच्छी वृद्धि के लिए 30-35 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त माना जाता है. यह खेत में छोटे-मोटे खरपतवार को भी नियंत्रित करता है. धान में इसका उपयोग उत्पादन में 5-15% तक वृद्धि कर सकता है. अजोला वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन को क्रमशः कार्बोहाइड्रेट और अमोनिया में बदलने की क्षमता भी रखता है.

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रखें इन 10 बातों का ध्यान

1. तापमान

अजोला उत्पादन 25-30°C के बीच सबसे अच्छा होता है. यदि तापमान 30°C से अधिक हो जाए, तो अजोला को सीधे सूर्य की किरणों से बचाने के लिए छायादार स्थान पर रखें.

2. स्थान और गड्ढे की तैयारी

अजोला उत्पादन के गड्ढों के सभी कोने समान स्तर पर होने चाहिए, ताकि वर्षा के दौरान पानी का बहाव नियंत्रित रहे और पौधों को नुकसान न हो.

3. उत्पादन स्तर
प्रति वर्ग मीटर में न्यूनतम 300-350 ग्राम अजोला का दैनिक उत्पादन बनाए रखें.

4.पोषण प्रबंधन

गड्ढों में नियमित रूप से गाय का गोबर और सुपर फॉस्फेट डालें, ताकि पौधों को आवश्यक पोषण मिलता रहे.

5. कीट और फफूंद नियंत्रण

यदि कीट या फफूंद का हमला होता है, तो तुरंत कीटनाशक या फफूंदनाशक का उपयोग करें. आवश्यकता होने पर नये स्थान पर नए कल्चर के साथ उत्पादन पुनः शुरू करें.

6. मिट्टी का परिवर्तन

हर 30 दिनों के बाद पुराने मिट्टी को करीब 5 किलो ताजा मिट्टी से बदलें, ताकि नाइट्रोजन संतुलन बनाए रखते हुए अजोला को आवश्यक खनिज मिलते रहें.

7. पानी का प्रबंधन

हर 10 दिनों में गड्ढों का 25-30% पानी ताजे पानी से बदलें, ताकि नाइट्रोजन का स्तर संतुलित रहे.

8. सफाई

हर छह महीने में गड्ढों को पूरी तरह से खाली करके साफ करें और नई शुरुआत के लिए पानी, गोबर और अजोला कल्चर का मिश्रण डालें.

9. पीएच परीक्षण

पानी का पीएच संतुलित रखें और समय-समय पर इसका परीक्षण करें, ताकि अजोला स्वस्थ रहे.

10. स्थानांतरण

अगर अजोला पर कीट या फफूंद का अधिक प्रभाव हो, तो नए स्थान पर नया अजोला कल्चर शुरू करें.

English Summary: important 10 tips for preparing azolla ghas farming
Published on: 08 November 2024, 12:19 PM IST

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