सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 29 August, 2022 4:45 PM IST
धान के बौनेपन का इलाज

भारत के कई इलाकों में किसानों ने अपने खेतों में धान की खेती कर रखी है और इसकी फसल अब अपने विकास करने के दौर में है. भारत में सबसे ज्यादा धान उगाने वाले राज्य पंजाब, हरियाणा व यूपी समेत कई राज्य हैं. जहां के कुछ इलाकों में धान की फसल में बौनेपन का रोग लगने की शिकायत आ रही है, जिसके चलते आईएआरआई ( Indian agriculture research institute) पूसा, नई दिल्ली द्वारा ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें किसानों को कई सारे सुझाव और अच्छी सलाह दी गई है. इस वीडियो में आईएआरआई के एक विशेषज्ञ हैं, जो कि किसानों को ज्यादा न घबराने की सलाह दे रहे हैं, आइए डिटेल में जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है.

हरियाणा और पंजाब में इन किस्मों में दिख रही है शिकायत

आईएआरआई के विशेषज्ञ ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि धान में बौनेपन की समस्या PR-126, PR121, PR114, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1401 में देखने को मिल रही है. हालांकि, यह समस्या किसानों के सभी खतों में नहीं है बल्कि कुछ ही  खेतों में है. 5 से 15 प्रतिशत तक ही खेत में यह अभी देखने को मिला है.

वायरस के होने की है संभावना

आईएआरआई के विशेषज्ञ का कहना है कि धान में यह  समस्या वायरस की वजह से भी सकती है, लेकिन किसानों को ज्यादा नहीं चिंता करनी है.

धान के पौधों में दिख रहे हैं ये लक्षण

धान के जिन पौधों में यह यह समस्या देखने को मिली है, उनमें कई प्रकार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. जैसे- जड़ें लगातार कमजोर हो गई हैं, पौधों का विकास रुक गया है और पौधे की जड़ में काला पन भी देखा गया है. हालांकि, विशेषज्ञ के अनुसार भारत सरकार की ओर से एक समिति का भी गठन किया गया है.

ये भी पढ़ें: शरीफा की खेती कैसे करें, यहां जानें इसकी सम्पूर्ण विधि

बकाना रोग होने पर करें ये इलाज

आईएआरआई के विशेषज्ञ के अनुसार, अगर खेत में आपको कुछ टिड्डा के प्रकार के कीट दिखें, तो निम्न दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं:

  1. पेक्सालॉन(pexalon) इसे एक एकड़ के इस्तेमाल के लिए 250 लीटर पानी में 94ml की मात्रा रखनी है.

  2. ओशीन(oshin) इसे एक एकड़ के इस्तेमाल के लिए 250 लीटर पानी में 100 ग्राम की मात्रा रखनी है.

  3. टोकन(Token) इसे एक एकड़ के इस्तेमाल के लिए 250 लीटर पानी में 100 ग्राम की मात्रा रखनी है.

  4. चैस(chess) इसे एक एकड़ के इस्तेमाल के लिए 250 लीटर पानी में 120 ग्राम मिलाना है.

English Summary: IARI pusa gave information in a video to save paddy crop from the problem of dwarfism
Published on: 29 August 2022, 04:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now