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Updated on: 6 September, 2019 5:20 PM IST
Vegetable

गांठ गोभी को हमारे देश में कई नामों से जाना जाता है. यह एक शरदकालीन सब्जी है. इसकी खेती बंदगोभी और फूलगोभी की मुकाबले में कम की जाती है. इसकी ज्यादातर खेती कश्मीर, महाराष्ट्रबंगाल, आसाम, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब या फिर दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में ही की जाती है. इसे पहाड़ी क्षेत्रों की लोकप्रिय सब्जी भी माना जाता है. इस गोभी को कई नामों से भी जाना जाता है जैसे - कैबेज टरनिप या नोल खोल, गंध गोभी, जर्मनी में इसे कोहल रबी भी कहा जाता है. ज्यादातर इस गोभी को कश्मीरी और कर्नाटकी लोगों काफी पसंद करते है.

गांठ गोभी की खेती के लिए जलवायु (Climate for the cultivation of lump cabbage)

गांठगोभी ठंडे और आर्द्रा मौसम में उगाई जाती है. इसकी अगेती किस्मों की बात की जाए तो इसमें बोल्टिंग की समस्या शीतोष्ण क्षेत्र में पाई जाती है जबकि ये समस्या उप कटिबंधीय क्षेत्रों में इतनी नहीं होती. इसके रोपण के समय उच्च तापमान से बोल्टिंग में विलम्ब होने की समस्या होती है. इस फसल के सफल उत्पादन हेतु उच्चतम एवं निम्न तापमान 24 से 45 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए. जबकि इसका मासिक औसत तापमान 15 से 20 डिग्री सेल्सियस उत्तम माना गया है.

गांठ गोभी की खेती के लिए भूमि (Land for cultivation of lump cabbage)

इस फसल को कई तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है. इसके लिए उच्चित जल निकास वाली भारी दोमट भूमि इसके सफल उत्पादन के लिए काफी सर्वोत्तम मानी गयी है. इसके लिए भूमि का पी.एच मान 6.5 - 7.0  है, वह इसकी खेती के लिए उत्तम मानी गयी है. इसके उत्पादन के लिए ज्यादा अम्लीय या फिर अधिक क्षारीय मिट्टी इसके सफल उत्पादन में बाधक मानी गयी है.   

गांठ गोभी की उन्नत किस्मे (Lumpy Cabbage Advanced Varieties)

इस फसल की कई उन्नत किस्मों मौजूद है. जिसमें से ज्यादातर किस्मों का आयत विदेशों से किया जाता है. इसकी किंग ऑफ नार्थ, लार्ज ग्रीन,व्हाइट वियेना और परपल वियना प्रमुख किस्में है.

गांठ गोभी की खेती के लिए भूमि की तैयारी (Land preparation for the cultivation of cabbage)

गांठगोभी उत्पादन के लिए भूमि की तैयारी फूलगोभी की तरह ही करें.

गांठ गोभी की खेती के लिए खाद एवं उर्वरक (Manure and fertilizers for the cultivation of lump cabbage)

 गांठ गोभी की फसल में उर्वरकों का इस्तेमाल मिटटी परीक्षण के आधार पर करना सही रहता है. इस फसल की अच्छी पैदावार के लिए 20 से 25 टन गोबर या कम्पोस्ट की खाद, 100 से 120 किलोग्राम, नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम फास्फोरस और 80 किलोग्राम पोटाश प्रति हैक्टेयर की दर से पर्याप्त किया जाता है. इसकी अंतिम जुताई के समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा को अच्छे से भूमि में मिला दें.

गांठ गोभी की बुवाई (Sowing lump cabbage)

मैदानी क्षेत्रों में इस फसल की बुवाई अगस्त से अक्टूबर माह में  उपयुक्त होती है.अगर बात करें मध्य क्षेत्रों कि तो उसके लिए  जुलाई से अक्टूबर माह उपयुक्त माना गया है.इसके साथ ही ऊँचे क्षेत्रों में इसकी बुवाई मार्च से जुलाई माह में उपयुक्त है.

गांठ गोभी की खेती के लिए सिंचाई प्रबंधन (For lump cabbage cultivation Irrigation managment)

क्योंकि इसकी गांठों के बनते समय इसकी सिंचाई के अंतराल में बदलाव हो सकता है. जिससे सही समय पर सिंचाई न करने से इसकी गांठगोभी  में कठोरपन आ जाता है. इसकी तेज वृद्धि की वजह से भी गांठे फटने का डर बना रहता है. इसलिए गांठ गोभी की  सिंचाई  लगभग10 से 15 दिन के अंतराल पर करते रहना चाहिए.

गांठ गोभी की खेती के लिए उपज (For the cultivation of lump cabbage Yield)

इसकी उपज कई चीजों पर निर्भर करती है. जिनमें भूमि की उर्वराशक्ति, जलवायु उगाई जाने वाली किस्म और फसल की देखरेख जरूरी है. अगर बात करें पिछली किस्मों से अगेती किस्मों की तो इसकी अपेक्षा उपज काफी बढ़ी है. गांठगोभी की औसत उपज 200 -240 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिल जाती है.  

English Summary: how to start ganth gobhi farming, read more information
Published on: 06 September 2019, 05:23 PM IST

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