नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 12 February, 2021 8:08 AM IST
ज़ायद सीजन

अब जल्द ही ज़ायद का सीजन शुरू होने वाला है जो किसानों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है. दरअसल, गर्मी में किसान सब्जियों और अन्य फसलों को उगाते हैं जिन्हें गर्मी से बचाना बेहद जरुरी होता है. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो कई बार खड़ी फसल झुलस कर चौपट हो जाती है. अप्रैल और मई महीने में गर्मी के लिहाज से बेहद ख़ास होते हैं. इसमें सब्जियां और फसलें पानी की कमी से सूख जाती है तथा लू का भी प्रकोप रहता है. तो आइये जानते हैं गर्मी के दिनों में अपनी सब्जियों और फसलों को लू से कैसे बचाएं? 

ड्रिप सिंचाई पद्धति अपनाएं  

गर्मी के दिनों में उमस और लू का सब्जियों और अन्य फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. जैसे-जैसे पारा चढ़ने लगता है पौधों में पानी की मांग बढ़ती जाती है. ऐसे में कृषि विशेषज्ञों का मानना हैं गर्मी के दिनों में पौधों और जमीन में पर्याप्त नमी बनाये रखने के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम अपनाना चाहिए. यह कारगर उपाय है जिससे पौधों और जमीन में नमी को बनाया जा सकता हैं. वहीं फसल में सिंचाई के लिए पर विशेष ध्यान रखना चाहिए और सिंचाई का अंतराल कम कर देना चाहिए. ड्रिप इरिगेशन अपनाने से पानी की भी कम जरुरत पड़ती है.

मल्चिंग तकनीक से करें खेती

वैज्ञानिकों का मानना है कि गर्मी के दिनों में वाष्पीकरण की प्रक्रिया तेज हो जाती है, जिसके कारण जमीन तेजी से सूखने लगती है जिससे पौधों में नमी ख़त्म होने लगती है और पौधे सूखने लगते हैं. ऐसे में सब्जियों में वानस्पतिक मल्च या प्लास्टिक मल्च का उपयोग करना चाहिए. दरअसल, इस पद्धति को अपनाने से पानी के वाष्पीकरण की प्रक्रिया कम हो जाती है जिसके कारण पौधों में नमी बनीं रहेगी तथा फसल ख़राब नहीं होगी. 

सही समय पर करें सिंचाई

साथ ही कृषि विशेषज्ञों का मानना हैं कि सब्जियों और फसलों को लू तथा गर्म हवा से बचाने के लिए हल्की सिंचाई करना चाहिए. साथ सिंचाई का समय भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए. ज़ायद की फसल में सिंचाई करने का उचित समय सुबह 5 से 10 बजे तक और सांय काल में 5 बजे से रात तक उचित होता है. वहीं खेतों की निराई-गुड़ाई समय पर करें जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाती है और नमी बनी रहती है. पपीता, नींबू और आम के बगीचों में पर्याप्त नमी के लिए सूर्यास्त के बाद सिंचाई करें. 

मक्का या अन्य फसलें लगाएं

गर्मी में 45 डिग्री या उससे अधिक तपमान में केला, पपीता, टमाटर समेत अन्य फसलें झुलसने लगती है. ऐसे में फसल को लू लगने से बचाने के लिए कुछ विशेष फसलें उगाना चाहिए. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए किसान अपनी फसल के आसपास मक्का, नेपियर घास समेत अन्य फसल लगा सकते हैं. जिससे आपकी फसलों पर लू का            सीधा असर नहीं पड़ता है.   

English Summary: How to protect your vegetables and crops from heat stroke in summer
Published on: 12 February 2021, 08:12 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now