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Updated on: 28 August, 2020 4:52 PM IST
Paddy Cultivation

इस वक्त कई किसानों के खेतों में धान की फसल खड़ी होगी. मगर धान की खेती करने में कम मुश्किलें नहीं आती हैं. देश के कई राज्यों में बारिश न होने की वजह से धान की खेती करने वाले किसान काफी परेशान हैं. यही हाल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का भी है. यहां धान की फसल में निमेटोड के प्रकोप दिखाई दे रहा है, जिसने किसानों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. यह समस्या उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के किसानों को भी हो रही है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि निमेटोड (सूत्रकृमि) की वजह से फसल की वृद्धि रुक रही है. बता दें कि धान की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीट और रोगों में निमेटोड भी होते हैं.

क्या है निमेटोड (what is nematode)

फसल के लिए निमेटोड परजीवी की तरह होता है. इसकी वजह से पौधों की वृद्धि रुक जाती है. इसका असर उत्पादन पर पड़ता है. ये परजीवी जड़ों पर असर डालते हैं. कई किसानों के खेत में निमेटोड का प्रकोप दिखाई दे रहा है. यह बहुत छोटे कीट होते हैं, जिन्हें खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता है. मगर ये फसल की जड़ों का रस चूस लेते हैं और पौधों को कमजोर कर देते हैं. निमेटोड से प्रभावित पौधे मिट्टी से पूरी तरह से पोषक तत्व नहीं ले पाते हैं. इस वजह से पौधों की वृद्धि रुक जाती है, जिसका सीधा असर उत्पादन पर होता है.

धान के लिए हानिकारण है निमेटोड (Nematode is harmful for paddy)

यह मिट्टी या पौधे की ऊतकों में रहते हैं और जड़ों पर आक्रमण करते हैं. किसान इसकी पहचान आसानी से नहीं कर पाते हैं, इसलिए कीटनाशक रसायनों का छिड़काव किया जाता है, लेकिन इससे फसल को ही नुकसान होता है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि निमेटोड धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. ये सूत्रकृमि कई महीनों तक मिट्टी में जिंदा रह सकते हैं इसका प्रकोप टमाटर, बैंगन जैसी सब्जियों की फसलों पर भी होता है.

निमेटोड से फसल को नुकसान (Crop damage by nematodes)

इससे प्रभावित पौधों की जड़ों में गांठ बन जाती हैं. अगर फसल में इस कीट का प्रभाव हो जाए, तो धान की फसल में फुटाव में कमी, बालियों में बौनापन और दानों की संख्या में कमी आ जाती है.

निमेटोड प्रबंधन (Nematode Management)

  • फसल बचाने के लिए किसानों को सबसे पहले खेत में ढैंचा उगाना चाहिए.

  • इसके बाद उसे मिट्टी में अच्छी तरह से मिला देना चाहिए. इससे निमेटोड की संख्या में कमी आती है.

  • इसके अलावा नीम की खली या सरसों की खली 225 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रयोग करने से निमेटोड की संख्या कम होती है.

  • फसल में लक्षण दिखाई देने पर पैसिलोमिस लीलसिनस कवक निमेटोड के प्रकोप के अनुसार 1 से 2 ली प्रति एकड़ के हिसाब से सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर शाम को खेत में बिखेर दें. इससे निमेटोड को नियंत्रित हो जाता है.

अन्य जानकारी (Other Information)

बताया जाता है कि निमेटोड की पहचान सबसे पहले धान की फसल में साल 1993 में हरियाणा में की गई थी. अब भी हर साल वहां पर धान की पैदावार प्रभावित करता है. यह धान के बीज के जरिए एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंच जाते हैं.

English Summary: How to protect paddy crop from nematodes
Published on: 28 August 2020, 04:59 PM IST

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