Natural Farming Tips: भारत सरकार धरती को रासायनिक उर्वरकों से बचाने के लिए प्राकृतिक खेती पर जोर दे रही है. इसके लिए अधिकतर किसान खेत में खाद के रूप में मिट्टी और फसलों पर जीवामृत या घनजीवामृत का उपयोग कर रहे हैं. वहीं कीटनाशक के तौर पर प्राकृतिक खेती में नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र और अग्निअस्त्र का प्रयोग किया जाता है. फसलों को रोग और कीटों से बचाने के लिए कई तरह की पत्तियों से काढ़ा बनाकार उपयोग किया जाता है.
आइये कृषि जागरण की इस पोस्ट में में नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र और अग्निअस्त्र के बारे में विस्तार से जानें.
क्या है नीमास्त्र?
नीमास्त्र एक कीट नियंत्रक है, जो कि एक काढ़ा है. इसका उपयोग फसल का रस चूसने वाले कीट या लीफ माइनर को नियंत्रण करने के लिए किया जता है. इसे बनाने के लिए आप 5 KG नीम की पत्तियों को 100 ltr पानी, 1 KG देसी गाय का गोबर और 5 ltr देसी गाय के गौमूत्र की आवश्यकता होती है. आपको इन सभी को एक साथ एक बड़े ड्रम में डालकर 2 से 3 मिनट तक हिलाते रहना होता है. अब इस ड्रम के मुंह को किसी सूती कपड़े से बांध देना होता है, इसके 48 घंटे बाद आपका नीमास्त्र तैयार हो जाता है.
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नीमास्त्र का उपयोग
एक बार तैयार किए गए नीमास्त्र का उपयोग आप अपने खेत में 6 महीनों तक कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल करने के लिए 250 लीटर पानी में 5 से 6 लीटर नीमास्त्र अच्छी तरह से मिलाकर एक हेक्टेयर खेत में छिड़काव किया जा सकता है.
क्या होता है अग्निअस्त्र?
अग्निअस्त्र का उपयोग किसान तनाछेदक, फलछेदक और अन्य विभिन्न प्रकार के इल्लियों को नियंत्रण करने के लिए करते हैं. इसे तैयार करने के लिए आपको लगभग 5 किलो नीम की पत्तियां, आधा किलो हरी मिर्च और आधा किलो लहसुन की आवश्यकता होती है. आपको इन सभी चीजों को अच्छे से पीसकर एक मिश्रण तैयार करना होता है. अब इस तैयार मिश्रण में देसी गाय का 20 लीटर गौमूत्र मिलाकर लगभग 20 मिनटों तक उबाला जाता है. इस मिश्रण को आपको लगभग 48 घंटे तक रखना होता है और इसके बाद किसी ड्रम में सूती कपड़े से छान कर स्टोर करना होता है.
अग्निअस्त्र का उपयोग
फसल को फलछेदक और इल्लियों से छुटकारा दिलाने के लिए अग्निअस्त्र का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए आपको एक हेक्टेयर क्षेत्र में छिड़काव के लिए 250 लीटर पानी में 5 से 6 लीटर अग्निअस्त्र को मिलाना होता है.
क्या है ब्रह्मास्त्र?
ब्रह्मास्त्र का उपयोग किसान फसलों के बड़े आकार के छेदक, कीट-पतंगों और इल्लियों का नियंत्रण करने के लिए करते है. इसे तैयार करने के लिए 3 किलोग्राम नीम की पत्तियां, 2 किलोग्राम करंज, 2 किलोग्राम सीताफल, 2 किलोग्राम धतूरे की पत्तियां और 10 लीटर देसी गाय के गौमूत्र की आवश्यकता होती है. आपको इन सब को मिलाकर एक मिश्रण तैयार करना है और इसे 20 से 25 मिनट तक उबालना है. इसके 48 घंटे बाद इस मिश्रण को ठंडा होने देना है और सूती कपड़े से छान लेना है.
ब्रह्मास्त्र का उपयोग
फसलों से छेदक, कीट-पतंगों और इल्लियों को दूर करने के लिए ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया जा सकता है. एक हेक्टेयर भूमि पर छिड़काव के लिए 250 लीटर पानी में 5 से 6 लीटर ब्रह्मास्त्र को घोलकर इसका उपयोग किया जा सकता है.