Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 16 December, 2020 12:45 PM IST
Cow Horns

चैत्र (मार्च-अप्रेल) के माह में सूर्य से प्राप्त ऊर्जा सबसे अधिक होती है इसलिए चैत्र के माह में गाय के सींग से बहुत अच्छी खाद (Compost) बनाई जा सकती है. सींग के अन्दर मरी हुई कोशिका सूरज से अधिक ऊर्जा लेकर उसमें रखे गोबर में सूक्ष्म जीवों (Microorganism) की क्रियाशीलता बढ़ा देती है.

सींग खाद बनाने की विधि (Method of making Horn manure)

सबसे पहले मरी हुई गाय के कंकाल से सींग लिया जाता है, फिर सींग के अंदर के पदार्थ को खुरचकर बाहर निकाल कर उसे साफ पानी से धोकर धूप में सुखाया जाता है. ऐसा करने से बदबू खत्म हो जाती है. उसके बाद दूध देने वाली गाय के गोबर को सींग में अच्छी तरह से दबा कर रख दें ताकि इसमें कोई खाली जगह नहीं बचे. इसके बाद सींग को किसी खुले स्थान पर उपजाऊ भूमि में गाढ़ा जाता है. इसके लिए लगभग 40 सेमी गहरा गड्ढा खोदें. गड्ढे की लंबाई और चौड़ाई आवश्यकता अनुसार ले सकते हैं. उसके बाद उस गड्ढे को मिट्टी और सड़े हुए गाय के गोबर से 25:1 अनुपात में भर दें, और उस जगह पर समय-समय से पानी का छिड़काव कर गीला करते रहें.

सींगों को गाड़ने का और निकालने का समय (Time to bury the Horn)

इन सींगों को नवरात्रा (अक्टूबर-नवम्बर) के समय गाड़ा जाता है. इन सींगों को 6 महीने की अवधि तक गड्ढे में रखा जाता है. सीगों को निकालने के लिए मार्च से अप्रैल का समय उचित रहता है.

सींग खाद का भंडारण कैसे करें (How to Storage Horn manure)

उपयुक्त समय पर सींग को गड्ढे से बाहर निकालकर उसमें से खाद निकाल लेते हैं जो कि दुर्गंध हीन होना चाहिए. इस खाद को मिट्टी के बर्तन में निकालकर ठंडे और नम स्थान पर रख दें, यदि तापमान अधिक हो तो मिट्टी के बर्तन को दो-तिहाई मिट्टी में दबा दें और आसपास की मिट्टी को पानी छिड़क कर ठंडा रखें.

सींग से खाद बनाते समय रखें सावधानियां (Take Precautions While Making Compost from Horn)

  • सींग खाद बनाते समय गाय के सींग के ऊपर कोई रंग (Colour) नहीं होना चाहिए, यदि रंग है तो उसे कैरोसीन (मिट्टी के तेल) से साफ कर लें.

  • खाद भंडारण (Manure storage) के समय हल्की नमी रहना जरूरी.

  • सींग की खाद का उपयोग दो बार (Two time) किया जा सकता है- पहली बार बुवाई के 1 दिन पहले और दूसरी बार जब फसल 20 से 30 दिन की होने पर.

  • खाद के अच्छे परिणाम के लिए इसका उपयोग पूर्णिमा (full moon) के दिन करना चाहिए. अमावस्या या उसके आसपास के दिनों में प्रयोग से खाद का प्रभाव पूरा नही होता है.

  • सींग को गड्डे में गाढ़ते समय ध्यान रखें कि उसका नुकीला सिरा ऊपर की तरफ तथा सींग का चौड़ा वाला भाग नीचे की ओर रखें.

सींग खाद का उपयोग कैसे करें (How to use Horn manure)

75 ग्राम सींग की खाद 40 लीटर साफ पानी में मिलाकर 1 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रयोग किया जाना चाहिए. सींग की खाद का उपयोग करते समय इसे लकड़ी के डंडे से दोनों तरफ (उल्टी व सीधी दिशा में) हिलाएं. घोल बनाने के 1 घंटे के भीतर ही उपयोग में लाना उचित रहता है. इसका छिड़काव (Spray) सूर्यास्त (Sunset) के समय करना चाहिए.  

English Summary: How to make Horn compost
Published on: 16 December 2020, 12:53 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now