सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 28 October, 2020 7:32 PM IST
नेमाटोड या सूत्रकृमि बैगन की फसल में एक प्रमुख समस्या

नेमाटोड या सूत्रकृमि बैगन की फसल में एक प्रमुख समस्या है. लगातार नमी वाली जगहों में ये सूत्रकृमि पनप कर फसल की जड़ों को संक्रमित कर देते हैं. ये सूत्रकृमी (नेमाटोड) सूक्ष्म आकार के होते हैं और यह फसल की जड़ के आंतरिक भागों में रहकर जड़ों को नुकसान पहुंचाते रहते हैं.

प्रभावित जड़ों पर गांठों का गुच्छा बन जाता है. पौधें की जड़ें पोषक तत्व अवशोषित नहीं कर पाती है. इस कारण फूल और फलों की संख्या में बड़ी कमी आती है और पौधों की पत्तियां पीली हो जाती है जिससे पौधा अपना भोजन भी उचित मात्रा में नहीं बना पाता है. इसके अलावा, नेमाटोड के संक्रमण के कारण अन्य फफूंद भी जड़ों में प्रवेश कर पौधे में रोग फैलाने की अधिक संभावना बढ़ आती है. नेमाटोड या सूत्रकृमि से प्रभावित पौधे सूख जाते हैं और उकटा रोग के लक्षण दिखाई देते हैं. पत्तियां पीली पड़कर सुकड़ने लगती है और पूरा पौधा बौना रह जाता है. अधिक संक्रमण होने पर पौधा सुखकर मर जाता है.

नेमाटोड नियंत्रण के उपाय (Nematode Control Measures)

  • ग्रीष्मकाल में मिट्टी की गहरी जुताई करे तथा अच्छी तरह से धूप लगने दें, जिससे मिट्टी में उपस्थित सूत्रकृमि  के साथ साथ कीट एवं रोगो के रोगाणु भी नष्ट हो जाते हैं.

  • बैगन की फसल में टमाटर, मिर्च, भिंडी, खीरा आदि फसल अंतर-फसल के रूप में ना लें. अतः जिस खेत में यह समस्या है वहाँ 2-3 साल तक बैंगन, मिर्च और टमाटर की फसल न लगाएं. 

  • पौध रोपाई के बाद फसल के चारों ओर या फसल के बीच-बीच में एक या दो पंक्ति में गेंदा को लगाना चाहिए.

  • कार्बोफ्यूरान 3% दानों को रोपाई पूर्व 10 किलो प्रति एकड़ की दर से मिला दें. 

यह खबर भी पढ़ें : आधुनिक तरीके से बैंगन की खेती कर, कमाएं ज्यादा मुनाफा

  • निमाटोड के जैविक नियंत्रण के लिए 200 किलो नीम खली या 2 किलो वर्टिसिलियम क्लैमाइडोस्पोरियम या 2 किलो पैसिलोमयीसिस लिलसिनस या 2 किलो ट्राइकोडर्मा हारजिएनम को 100 किलो अच्छी सड़ी गोबर के साथ मिलाकर प्रति एकड़ की दर से भूमि में मिला दें. 
English Summary: How to make Brinjal field free from nematodes
Published on: 28 October 2020, 07:36 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now