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Updated on: 29 October, 2020 3:48 PM IST

प्याज में कटुआ सूँडी या कटवर्म पौधे के सभी अवस्था में हानि पहुंचा सकता है किन्तु अंकुरण के समय यह कीट सबसे अधिक नुकसान करता है. यह फसल को काट कर नष्ट कर देती है. खेत के या आसपास के खरपतवारों में ये सूंडिया शरण पाती है और फसल के अंकुरण के साथ फसल को अनियमित छोटे छेद कर नुकसान पहुंचाती है. ये कीट दिन में धूप से बचने के लिए जमीन के अन्दर रहते है मगर रात को जमीन से ऊपर आकर पौधे का आधार भाग खाती रहती है.

कीट की पहचान:

इस कीट का व्यस्क काले भूरे रंग का चित्तीदार पतंगा होता है. इस पतंगा के आगे वाले पंख हल्के भूरे या काले भूरे तथा किनारों पर काले चिन्ह होते हैं, वही पिछले पंख सफ़ेद होते हैं. मादा पतंगा पौधों, खरपतवारों, नम भूमि या भूमि की दरारों में मोतियों के समान अंडे देती है जो बाद में हल्के भूरे रंग के हो जाते हैं. कुछ दिनों बाद अंडे से लार्वा निकलते हैं. ये छोटे लार्वा हल्के भूरे व चिकने होते हैं किन्तु जब बड़े हो जाते हैं तो पीठ पर दो पीले रंग की धारियाँ बन जाती है. यह कीट लार्वा अवस्था में ही हानि पहुंचाता है. इन लार्वा या लट्ट को छूने पर यह c आकार के मुड़ जाता है.

नियंत्रण के उपाय:

  • खेत और आसपास की जगह को खरपतवार मुक्त रखें.

  • इसके नियंत्रण के लिए रोपाई के समय कार्बोफ्यूरान 3% GR की 7.5 किलो मात्रा प्रति एकड़ की दर से खेत में मिला दें. या कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4% G की 7.5 किलो मात्रा प्रति एकड़ की दर से खेत में बिखेर दें.

  • या क्लोरपायरीफॉस 20% EC की 1 लीटर मात्रा सिंचाई के पानी के साथ मिलकर प्रति एकड़ की दर से दें.

  • क्लोरपायरीफॉस 20% EC @ 300 मिली या डेल्टामेथ्रिन 2.5 EC प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

  • हर छिड़काव के साथ जैविक बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

  • जैव-नियंत्रण के माध्यम से 1 किलो मेटारीजियम एनीसोपली (कालीचक्र) को 50 किलो गोबर खाद या कम्पोस्ट खाद में मिलाकर बुवाई से पहले या खाली खेत में पहली बारिश के पहले खेत में मिला दें.

English Summary: How to identify and Cut worm in Onion crop
Published on: 29 October 2020, 03:51 PM IST

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