नया साल शुरू होने के बाद जिले ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों को नीमच में हाईटेक मंडी की सौगात मिलने वाली है। शुरूआत में ही इस साल लहसुन और प्याज की मंडी की शुरूआत होगी. इसके बाद यहां पर औषधि मंडी की शुरूआत की जाएगी। इस औषधि मंडी के शुरू होने से देशभर के किसान और व्यापारी विभिन्न औषधीय उपजों की खरीदी से लेकर बिक्री कर सकेंगे। ऐसा होने से किसानों को काफी ज्यादा राहत मिलेगी।
हाईटेक सुविधाओं से लैस होगी मंडी
बता दें कि चंगेरा में 37.95 लाख हेक्टेयर में आधुनिक कृषि उपज मंडी का कार्य चल रहा है। यह मंडी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। इस ऑनलाइन कृषि उपज मंडी की नीलामी के साथ ही सीसी रोड, विद्युतीकरण, प्रयोगशालाएं, एजेंसियां, व्यापारियों के लिए गोदाम, दो मुख्य द्वार, सीसीटीवी कैमरे, एटीएम, सेक्टर ऑफिस, अलग-अलग सेक्टर में अलग शेड, पेयजल, सुविधाघर, ठहरने की व्यवस्था, मिट्टी के परीक्षण केंद्र आदि की सुविधाएं होगी। इन सारी सुविधाओं के होने से किसानों को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। वैसे तो यह हाईटेक मंडी करोड़ों रूपए की लागत से बनकर तैयार होगी। फिलहाल करीब 21 करोड़ रूपये की लागत से होने वाले कार्यों को पूरा किया जा रहा है।
जुलाई तक मिलेगी लहसुन मंडी
फिलहाल वर्तमान में लहसुन और प्याज की मंडी करीब 3 हेक्टेयर में चल रही है. चूंकि यहां पर मध्यप्रदेश सहित राजस्थान से किसान भाई लहसुन और प्याज लेकर मंडियों में पहुंचते है। इस सीजन के दौरान किसानों को मंडी में पैर रखने की जगह भी नहीं मिलती है। इसके साथ ही दूसरी ओर मंडी के बाहर लहसुन और प्याज से लदे वाहनों की लंबी कतार लग जाती है. इस कारण आम आदमी से लेकर किसानों तक को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चंगेरा में 8 हेक्टेयर में लहसुन और प्याज की मंडी पर काम चल रहा है जो इस साल मई तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद अन्नदाता को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
50 करोड़ की लागत से बनेगी औषधि मंडी
केंद्र सरकार ने पूरे भारत में औषधि मंडी के लिए नीमच को सेलेक्ट किया है। यहां पर औषधि की पैदावार काफी अधिक होती है इसीलिए सरकार ने नीमच में इस हाईटेक मंडी के निर्माण को करने का कार्य शुरू किया है। इस औषधीय मंडी को 50 करोड़ रूपये की लागत से बनाकर तैयार किया जाएगा। चंगेरा में नवीन कृषि मंडी उपज का काम काफी तेजी से चल रहा है। पहले प्याज मंडी को संपूर्ण रूप से शिफ्ट किया जाएगा। इस नई औषधि मंडी को 8 लाख हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा।