हर पेट की जरूरत रोटी है, क्योंकि देश के लगभग सभी लोग चपाती खाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रोटी बनाने के लिए गेहूं की किस किस्म की बुवाई करना चाहिए. वैसे आज के समय में किसान इतना आधुनिक हो गया है कि वह पोषक तत्वों से भरपूर फसलों की खेती कर रहे हैं.
इससे फसल का उत्पादन भी अच्छा मिल रहा है, साथ ही कमाई भी अधिक हो रही है. सबसे खास बात यह है कि इस तरह किसान कुपोषण के खिलाफ जारी सरकार की लड़ाई में भी मदद कर रहे हैं. इसी क्रम में यूपी के किसान भी पोषक तत्व से भरपूर गेहूं की खास किस्म की खेती करने रहे हैं. इसका नाम एचआई-8713 है, जो काठिया गेहूं की उन्नत किस्म है.
क्या है गेहूं की काठिया किस्म (What is Kathia variety of wheat)
इसका वैज्ञानिक नाम ट्राइटिकम ड्यूरम है, जो कि देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. बाजार में इस किस्म की कीमत दूसरी किस्मों के मुकाबले काफी ज्यादा मिल रही है. ऐसे में किसान इस किस्म की खेती की तरफ काफी आकर्षित हो रहे हैं. बता दें कि इस किस्म को पूसा मंगल भी कहा जाता है.
काठिया गेहूं की खासियत (Specialty of kathia wheat)
गेहूं की इस किस्म को मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित किया गया है. यूपी के बुंदेलखंड क्षेत्र के कई किसान इस उन्नत किस्म की बुवाई कर रहे हैं. बता दें कि कृषि विज्ञान केंद्र, ललितपुर साल 2018-19 में काठिया गेहूं की खेती करने के लिए किसानों को काफी प्रोत्साहित कर रहा था. इसके साथ ही प्रगतिशील किसानों की तलाश कर रहा था, फिर इसी दौरान कुछ किसानों ने काठिया गेहूं की खेती करना शुरू किया.
एक एकड़ खेत में काठिया गेहूं की बुवाई (Sowing of Kathia wheat in one acre field)
जब काठिया गेहूं का परीक्षण शुरू हुआ, तब किसानों को एक हेक्टेयर खेत में बुवाई के लिए किस्म दी गई. बताया जाता है कि इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 20.8 क्विंटल की दर से पैदावार हासिल हुई. इसका बाजार मूल्य 2500 रुपए क्विंटल रहा, जिससे किसानों का काफी अच्छा लाभ हुआ.
काठिया गेहूं की खेती से मुनाफा (Profit from kathia wheat cultivation)
अगर इस किस्म से होने वाले मुनाफे की बात करें, तो किसानों को एक हेक्टेयर खेत से लगभग 52,000 रुपए तक का लाभ हुआ. अगर किसान 11,200 रुपए प्रति हेक्टेयर की लागत को हटा दें, तो इस तरह एक हेक्टेयर में 40,800 रुपए का लाभ मिलता है.
जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2020-21 के रबी सीजन में किसानों को बड़े स्तर पर काठिया गेहूं की एचआई-8713 किस्म की बुवाई की. कई किसानों ने इस गेहूं की खेती कर अच्छा मुनाफा भी कमाया है.