कृषि को उद्योग का धंधा बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा फसलों की खेती करना जरूरी हो गया है. अनाज के अलावा फलों-सब्जियों को भी व्यापारिक तौर पर उगाना लाभदायक माना जा रहा है. ऐसे में बागवानी फसलों में अंगूर की खेती का भी एक प्रमुख स्थान है. किसान अंगूर की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसे में आधुनिक खेती से अंगूर की फसल उगाकर अच्छी कमाई कर सकते है. आइये जानते हैं अंगूर की खेती के बारे में...
भूमि और जलवायु
अंगूर की खेती करने के लिए जल निकास वाली रेतीली, दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है. अधिक चिकनी मिट्टी खेती के लिए ठीक नहीं मानी जाती है. खेती के लिए गर्म, शुष्क और दीर्घ ग्रीष्म ऋतु अनुकूल रहती है. अंगूर के पकते समय बारिश या बादल का होना बहुत ही हानिकारक होता है. इसकी वजह से दाने फट जाते हैं और फलों की गुणवत्ता पर बहुत बुरा असर पड़ता है.
अंगूर की बेलों की रोपाई
अंगूर की खेती में अच्छा उत्पादन पाने के लिए रोपाई से पहले मिट्टी की जांच जरूर कराएं. खेत को भलीभांति तैयार कर लें. बेल के बीच की दूरी किस्म विशेष और साधने की पद्धति पर निर्भर करती है. इसलिए सभी चीजों को ध्यान में रख कर 90 x 90 सेमी आकार के गड्ढे खोदने के बाद उन्हें 1/2 भाग मिट्टी, 1/2 भाग गोबर की सड़ी हुई खाद और 30 ग्राम क्लोरिपाईरीफास, 1 किलोग्राम सुपर फास्फेट और 500 ग्राम पोटेशियम सल्फेट आदि को अच्छी तरह से मिलाकर भर दें. जनवरी के महीने में इन गड्ढों में एक साल पुरानी जड़वाली कलमों को लगा दें और फिर सिंचाई जरूर करें.
बेलों की सधाई और छंटाई
बेलों से लगातार अच्छी फसल लेने के लिए और उचित आकर देने के लिए साधना और काट-छांट करते रहना चाहिए. बेल को उचित आकार देने के लिए बेल के अनचाहे भाग के काटने को साधना कहते हैं और बेल में फल लगने वाली शाखाओं को सामान्य रूप से वितरण के लिए किसी भी हिस्से की छंटनी को छंटाई कहते हैं. सधाई और छंटाई करने से लगातार फल मिलता रहता है.
अंगूर की खेती में सिंचाई
अंगूर की बेल की छंटाई के बाद सिंचाई करना जरूरी माना जाता है. फूल आने और पूरा फल बनने (मार्च से मई) तक पानी की जरूरत होती है. सिंचाई कार्य में तापमान और पर्यावरण स्थितियों को ध्यान में रखते हुए 7 से 10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए.
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फल पकने की प्रक्रिया शुरू होते ही पानी बंद कर देना चाहिए. नहीं तो फल फट और सड़ सकते हैं. फलों की तुड़ाई के बाद भी एक सिंचाई अवश्य कर देनी चाहिए. इससे आगे के लिए लाभ होता है. फसल से अच्छा उत्पादन मिलता है.
बता दें भारत में अंगूर की खेती मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में की जाती है. यहां किसान अंगूर की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. भारत के इन राज्यों में अंगूर का उत्पादन, उत्पादकता और क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में आप भी अंगूर की खेती से लाभ ले सकते हैं.