जायटॉनिक टेक्नोलॉजी: क्यों है खेती का समग्र और स्थायी समाधान? सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 29 October, 2020 2:08 PM IST

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के सीहोर स्थित रिसर्च सेंटर ने चने की एक ऐसी नई किस्म ईजाद की है जिसके सुखे चने में भी हरे चने जैसा स्वाद आएगा. इस किस्म का बीज किसानों के पास अगले साल तक पहुंच जाएगा. कृषि वैज्ञानिकों की 10 वर्ष की अथक मेहनत के बाद चने की इस किस्म को विकसित किया गया है. तो आइए जानते हैं चने की इस नई और उन्नत किस्म के बारे में-

पैदावार 4 गुना अधिक

सेंटर के वैज्ञानिकों के मुताबिक, चने की इस नई किस्म को राज्य विजय ग्राम यानि आरवीजी-205 नाम दिया गया है. यह किस्म किसानों के पास अगले साल यानि 2021 में पहुंचेगी. जहां इस किस्म का सुखा चना भी हरे चने जैसा स्वाद देगा वहीं इससे पैदावार पर 4 गुना अधिक होगी. इससे किसानों की आय में भी इजाफा होगा. इसकी खेती अक्टूबर से मार्च महीने तक की जा सकेगी. जो 110 दिनों में पककर तैयार हो जाएगी. इसका बीज प्रतिहेक्टर 80 किलोग्राम डालना होगा. जिससे तकरीबन साढ़े तीन से चार लाख पौधे तैयार होंगे.

निगम को भेजा बीज

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. मोहम्मद यासीन का कहना है कि चने की इस प्रजाति के नाभिकीय बीज से प्रजनक बीज तैयार करने प्रक्रिया के बाद रिसर्च सेंटर से बीज निगम को भेज दिया गया है. जहां बीज निगम आधार बीज तैयार करेगा. इसके बाद इसे किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि अगले साल रबी सीजन से पहले किसानों को इसका बीज उपलब्ध करा दिया जाएगा.

English Summary: gram variety rvg 202 in hindi
Published on: 29 October 2020, 02:13 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now