Rabi Crops: देश में इस वक्त रबी फसलों की सीजन चल रहा है. क्योंकि रबी फसलों की बुवाई सर्दी में होती है, इसलिए किसानों को इस दौरान पाले की समस्या से गुजरना पड़ता है. देश में बीते कुछ दिनों से लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट आएगी. ऐसे में किसानों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है और उनकी फसल को भारी नुकसान पहुंच सकता है. यहां तक की कृषि वैज्ञानिकों ने भी किसानों से सचेत किया है और उन्हें समय रहते इसके लिए उपाय करने को कहा है. ऐसे में जानते हैं किसान भाई पाले से बचने के लिए क्या-क्या कर सकते हैं.
पाले से बचने के लिए करें ये उपाय
सर्दी के मौसम में पाला पड़ने की संभावना काफी ज्यादा होती है. ऐसी स्थिति होने पर किसान अपने खेतों की हल्की सिचाई करें, जिससे जमीन का तापमान बढ़ जाएगा. विशेषज्ञों के मुताबिक, सर्दी के दौरान पाले से सबसे ज्यादा हानि नर्सरी में होती है. ऐसे में अपनी उपज को बचाने के लिए पौधों को पोलीथीन से ढक कर रखें. लेकिन दक्षिण पूर्वी भाग खुला रखें ताकि नर्सरी में सुबह और दोपहर की धूप मिलती रहे. इसी तरह खेत के उत्तर-पूर्व दिशा में रात को 10-12 बजे के बीच कूड़ा-कचरा जलाएं, जिससे आसपास के तापमान में बढ़ोतरी होगी और पाले का खतरा भी कम हो जाएगा.
इसके अलावा खेत के उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थाई समाधान के लिए हवा रोकने वाले पेड़ों की बाड तैयार की जा सकती है, जिससे पाले का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाएगा. पाले का प्रभाव दो सप्ताह तक रहता है, इसलिए अगर इस अवधि में शीत लहर या पाले की संभावना हो तो गंधक के अम्ल की मात्रा 15-15 दिनों के अंतराल से बढ़ाते रहें, जिससे फसल पाले से बची रह सकती है और पौधों में लोहे की सक्रियता बढ़ जाती है.
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पाला लग चुकी फसल के साथ करें ये काम
वहीं, अगर आपकी फसल में पाला लग चुका है तो उनमें रिकवरी के लिए उचित मात्रा में पानी में एनपीके 18:18:18, 19:19:19 और 20:20:20 की 5 ग्राम मिश्रण करके छिड़काव करें. इसके अलावा घुलनशील सल्फर को 80 फीसदी की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर, थायोयूरिया 4-5 ग्राम प्रति लीटर अथवा बेन्टीनाइट सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर की दर से मिलाकर भी छिड़काव किया जा सकता है. इन सब के अलावा, किसान सल्फर डस्ट 8-10 किलोग्राम प्रति एकड़, म्यूरेट आफ पोटाश 150 ग्राम प्रति टंकी और 1.5 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं.