NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 6 January, 2024 3:13 PM IST
पाले से अपनी फसलों का ऐसे करें बचाव.

Rabi Crops: देश में इस वक्त रबी फसलों की सीजन चल रहा है. क्योंकि रबी फसलों की बुवाई सर्दी में होती है, इसलिए किसानों को इस दौरान पाले की समस्या से गुजरना पड़ता है. देश में बीते कुछ दिनों से लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट आएगी. ऐसे में किसानों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है और उनकी फसल को भारी नुकसान पहुंच सकता है. यहां तक की कृषि वैज्ञानिकों ने भी किसानों से सचेत किया है और उन्हें समय रहते इसके लिए उपाय करने को कहा है. ऐसे में जानते हैं किसान भाई पाले से बचने के लिए क्या-क्या कर सकते हैं.

पाले से बचने के लिए करें ये उपाय 

सर्दी के मौसम में पाला पड़ने की संभावना काफी ज्यादा होती है. ऐसी स्थिति होने पर किसान अपने खेतों की हल्की सिचाई करें, जिससे जमीन का तापमान बढ़ जाएगा. विशेषज्ञों के मुताबिक, सर्दी के दौरान पाले से सबसे ज्यादा हानि नर्सरी में होती है. ऐसे में अपनी उपज को बचाने के लिए पौधों को पोलीथीन से ढक कर रखें. लेकिन दक्षिण पूर्वी भाग खुला रखें ताकि नर्सरी में सुबह और दोपहर की धूप मिलती रहे. इसी तरह खेत के उत्तर-पूर्व दिशा में रात को 10-12 बजे के बीच कूड़ा-कचरा जलाएं, जिससे आसपास के तापमान में बढ़ोतरी होगी और पाले का खतरा भी कम हो जाएगा.

इसके अलावा खेत के उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थाई समाधान के लिए हवा रोकने वाले पेड़ों की बाड तैयार की जा सकती है, जिससे पाले का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाएगा. पाले का प्रभाव दो सप्ताह तक रहता है, इसलिए अगर इस अवधि में शीत लहर या पाले की संभावना हो तो गंधक के अम्ल की मात्रा 15-15 दिनों के अंतराल से बढ़ाते रहें, जिससे फसल पाले से बची रह सकती है और पौधों में लोहे की सक्रियता बढ़ जाती है.

ये भी पढ़ें: Mustard Crop Diseases: सरसों और राई की फसल से पाना चाहते हैं ज्यादा पैदावार? जानें कैसे करें रोग प्रबंधन

पाला लग चुकी फसल के साथ करें ये काम

वहीं, अगर आपकी फसल में पाला लग चुका है तो उनमें रिकवरी के लिए उचित मात्रा में पानी में एनपीके 18:18:18, 19:19:19 और 20:20:20 की 5 ग्राम मिश्रण करके छिड़काव करें. इसके अलावा घुलनशील सल्फर को 80 फीसदी की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर, थायोयूरिया 4-5 ग्राम प्रति लीटर अथवा बेन्टीनाइट सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर की दर से मिलाकर भी छिड़काव किया जा सकता है. इन सब के अलावा, किसान सल्फर डस्ट 8-10 किलोग्राम प्रति एकड़, म्यूरेट आफ पोटाश 150 ग्राम प्रति टंकी और 1.5 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं.

English Summary: Frost is very dangerous for Rabi crops take these measures today to protect them from damage
Published on: 06 January 2024, 03:14 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now