केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प बिहार की लीची है अद्भुत! वैज्ञानिक रिसर्च से बढ़ेगी शेल्फ लाइफ: केंद्रीय कृषि मंत्री खुशखबरी! किसानों को इन फलों की खेती पर राज्य सरकार देगी 80,000 रुपए अनुदान, जानिए पूरी योजना किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 8 March, 2019 11:27 AM IST

झारखंड के गिरडीह में किसानों के बीच खेती करने की चाह अब और बढ़ती जा रही है। इसीलिए इस रूचि को बरकरार  रखने के लिए डुमरी के बीटीएस मुकेश कुमार ने किसानों को मुफ्त में चने के बीज देकर कृषि की ओर किसानों का रूझान बढ़ाने हेतु कई तरह के सफल प्रयास किए है। इसके कारण आज पूरे जगह किसान खेतों में पटवन हेतु पानी की चिंता को किए बिना ही लगभग 50 से 70 एकड़ में यहां के किसान चने की खेती को लगाने का कार्य करें। हांलाकि पटवन हेतु किसानों द्वारा पंपसेट को लगाकर अपने-अपने घरों के कुओं से खेती को उपलब्ध करवाने का कार्य तेजी से कर रहे है।

क्या बोले किसान

खेतों में हो रहे चने की खेती के बारे में वहां की महिला कृषक कहती है कि हम सभी लोग मिलकर अपने खेतों में चने की खेती को लगाने का कार्य कर रहे है। उनका कहना है कि इसको बेचकर वह फसल कमाने का कार्य करेगी। उनके पास रोजगार के की भी ठोस स्त्रोत नहीं है। वे बताती है कि चने की खेती को सफल रूप से करवाने के लिए कृषि विभाग की तरफ से बीज उपलब्ध करवाए गए है। वही महिला कृषक सोमरी देवी का कहना है कि खेतों ममें हरियाली आ जाने से हम सबको काफी ज्यादा प्रसन्नता हो रही है। साथ ही आर्थिक रूप से वह संपन्न होने की कोशिश कर रहे है।

किसान हुए प्रशिक्षित

डुमरी का कहना है कि हमें कृषि को बढ़ावा देना है। इसके लिए हम किसानों को लगातार प्रशिक्षित करते हुए आ रहे है। हमने मुफ्त में बीज को देकर किसानों को खेती करने के लिए प्रेरित किया है। समय-समय पर हम खुद किसन खेतों की निगरानी को करने का कार्य कर रहे है जिसका परिणाम आज देखने को मिल रहा है और काफी ज्यादा खुशी महसूस हो रही है। किसान अगर 12 महीने ठीक से खेती करें तो किसान आर्थिक रूप से संपन्न हो जाएंगें।

English Summary: For the first time, the success of gram farming, the happy farmers
Published on: 08 March 2019, 11:31 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now