देश में मानसून के आगमन से मौसम बेहद सुहाना हो गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं मानसून की बारिश कुछ फसलों के लिए बेहद अच्छी मानी जाती है. तो कुछ बागवानी फसलों पर इसका बेहद बुरा असर देखने को भी मिलता है.
आपको बता दें कि, हमारे देश में खेती ज्यादातर मौसम पर निर्भर करती है. आज हम आपको कृषि विशेषज्ञ की कुछ सावधानियों के बारे में बताएंगे. जिससे आप बारिश के मौसम में भी अपनी फसल से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं.
मानसून में फसल बचाने के उपाय (ways to save crops in monsoon)
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बारिश के मौसम में खेती (farming in season) से अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को खेत में बारिश के जलभराव को रोकना बेहद जरूरी होता है. इसके बचाव के लिए खेत के बीच में गहरी नालियां बनाएं. ताकि बारिश का पानी खेत से बाहर निकल जाए.
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मानसून के समय कृषि विशेषज्ञ (Agricultural specialist) फसलों की नर्सरी के लिए जरूरी सलाह भी जारी करते रहते हैं. जिससे आप अपनी फसल को भी बचा सकते हैं.
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फल और सब्जियां की फसल को हमेशा मौसम के अनुसार ही बोए. जिन फसलों को अधिक पानी की जरूरत होती है. उन्हें मानसून के मौसम में लगाएं.
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समय-समय पर फसलों पर जैविक कीटनाशक (organic pesticide) का छिड़काव जरूर करें. किसानों को विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक इस समय रासायनिक कीटनाशक और फफूंदी नाशक का उपयोग करना चाहिए. अक्सर देखा गया है कि मानसून के समय फसल पर सफेद मक्खी का प्रकोप (white fly outbreak) सबसे अधिक देखने को मिलता है. यह फसल की वृद्धि को रोकती है. इसके बचाव के लिए किसानों को 5 किलो नीम की खली (neem cake) को पानी में अच्छे से घोलकर छिड़काव करना चाहिए.
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फसल पर अधिक बारिश होने से फफूंद और विषाणु जैसे रोग लगने की संभावना भी बनी रहती है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह रोग पानी और हवा के जरिए अधिक तेजी से फैलता है.
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अपनी जरूरत के हिसाब से किसान मौसम की मार से बचने के लिए ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस में भी खेती कर सकते हैं.