खुशखबरी! केंचुआ खाद तैयार करने पर राज्य सरकार देगी 50,000 रुपए तक अनुदान, जानें पूरी योजना पशुपालक किसानों के लिए खुशखबरी! अब सरकार दे रही है शेड निर्माण पर 1.60 लाख रुपए तक अनुदान गर्मी में घटता है दूध उत्पादन? जानिए क्या है वजह और कैसे रखें दुधारू पशुओं का खास ख्याल Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 16 November, 2022 2:12 PM IST
पालक उगाने के सीक्रेट टिप्स

पालक पत्तेदार सब्जी है, इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. पालक से बने साग में काफी अच्छी मात्रा में विटामिंस मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जो सभी के लिए फायदेमंद होते हैं. लिहाजा ताजा पालक खाने की सलाह दी जाती है. लेकिन बाजार में रसायन वाली सब्जियों की भरमार है, अच्छा आर्गेनिक पालक मिलना मुश्किल है.

ऐसे में आप अपने घर में ही पालक उगा सकते हैं. आप होम गार्डन में गमले में भी पालक तैयार कर सकते हैं. आइए जानते हैं पालक को घर पर उगाने का सही तरीका और कुछ खास टिप्स जिससे पौधे से अच्छी क्वालिटी वाली पालक उपलब्ध हो सकेगा.

पालक को लगाने का सही वक्त-

पालक ठंड में उगने वाला पौधा है. ऐसे में अक्टूबर नवंबर और सर्दियों के मौसम में आप पालक लगा सकते हैं. वहीं जून-जुलाई के बीच में भी पालक उगाया जा सकता है.

पालक के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें-

पालक के लिए उपजाऊ मिट्टी का इस्तेमाल जरूरी है. मिट्टी तैयार करने के लिए आप बीज लगाने से पहले मिट्टी को एक-दो दिन धूप दिखाएं व पानी दें. ऐसा करने से मिट्टी के बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं. इसके बाद मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए आप उसमें गोबर की खाद, नीम खली, व पत्तियां मिला सकते हैं.

पालक उगाने के लिए बर्तन का चुनाव-

पालक उगाने के लिए आप किसी बड़े गमले या ग्रो बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि गमला/ग्रो बेग ड्रेनेजयुक्त होना चाहिए. जिससे एक्स्ट्रा पानी गमले से बाहर निकलता रहे और मिट्टी में जमा न हो.

बीज बुवाई का सही तरीका-

पालक के बीज बोने से पहले ही मिट्टी को गीला कर लें. बीज बोने के बाद पानी देने से बीज अपनी जगह से हिल जाते हैं. अच्छी क्वालिटी के बीजों का इस्तेमाल करें. बीजों को गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में 0.5 इंच की गहराई में लगाएं. इसके बाद सूखे गोबर या वर्मी कंपोस्ट से पतली लेयर बना दें. बीजों के जर्मिनेट (अंकुरित) होने तक मिट्टी में नमी बनाएं रखें लेकिन ज्यादा पानी भी न दें. पालक बीजों को जर्मिनेट होने में 6 से 8 दिन का समय लग सकता है इसके बाद पौधे बढ़ना शुरू हो जाएंगे.

पालक के पौधों को सीधे धूप में न रखें- 

पालक के पौधे नाजुक होते हैं. तेज धूप में इसकी पत्तियां जल सकती हैं. इसलिए आप पालक के पौधों को ऐसी जगह रखें जहां सुबह-शाम हल्की धूप रहे. इस बात का ध्यान रखें कि पौधों को दोपहर की कड़क धूप सीधे नहीं लगनी चाहिए.

पौधों में करें नेचुरल खाद का उपयोग-

पालक के पौधों के विकास के लिए जैविक खाद जरूरी होती है. आप समय-समय पर गाय का गोबर, सड़े-गले फल और फलों के छिलकों को सुखाकर बनाया हुआ पावडर भी मिट्टी में डालें ताकि पौधों को पोषण मिलता रहे.

पालक उगाने के प्रो टिप्सः

  • पालक के पौधों बुवाई के 3 से 4 सप्ताह में बड़े हो जाते हैं. पालक की पत्तियों को आप हर सप्ताह में तोड़े. ऐसा करने से लगभग 7 से 10 दिन बाद आपको दोबारा नई पत्तियां तोड़नेको मिल जाएंगी और पौधे जल्दी-जल्दी बढ़ेंगे.

  • अगर आप गर्मियों के मौसम में पालक लगाते हैं, तो इसमें हर दिन पानी दें.

  • पालक के पौधों में कई प्रकार के रोग कीट लग जाते हैं, इसके प्रभाव को कम करने के लिए जैविक खाद का उपोयग करें. इसके अलावा स्टिकी ट्रैप व नीम तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं.

  • बीज बोने के तुरंत बाद प्रेशर से पानी न डालें, इससे बीज अपनी जगह से हिल जाते हैं और अंकुरित नहीं हो पाते.

English Summary: Follow these tips to grow spinach in the garden of the house
Published on: 16 November 2022, 02:20 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now