उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में खरीफ मौसम की बुवाई शुरू होने वाली है. यहां के जौनपुर जिले में खरीफ मौसम में धान के बाद सबसे ज्यादा मक्का की खेती की जाती है. मक्का की खेती हरे चारे, अनाज और भुट्टों के लिए की जाती है.
कृषि वैज्ञानिकों को अनुमान है कि इस बार खरीफ सीजन में मक्का की खेती का रकबा बढ़ेगा. ऐसे में मक्का का अधिक से अधिक उत्पादन लेने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने कुछ जरूरी सुझाव दिये गए हैं.
मक्का की खेती के लिए खेत कैसे तैयार करें (How to prepare the field for maize cultivation)
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, बलुई दोमट मिट्टी में मक्का की पैदावार अच्छी होती है. साथ ही जमीन बेहतर जल निकासी वाली होना चाहिए. जहां तक खेत की तैयारी की बात की जाए तो सबसे पहले खेत की एक गहरी जुताई कर लेना चाहिए. जिसके बाद कल्टीवेटर और रोटावेटर से दो तीन जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए.
बीज दर की बात करें तो प्रति हेक्टेयर में देसी मक्का का 16 से 18 किलोग्राम और हाइब्रिड का 18 किलोग्राम बीज लगता है. बता दें कि बुआई से पहले बीज का अच्छी तरह से शोधन कर लेना चाहिए.
मक्का की खेती के लिए कैसे करें बुवाई (How to sow for maize cultivation)
यहां के कृषि वैज्ञानिक अमित चौबे का कहना हैं कि मक्का की अगेती किस्मों के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेंटीमीटर और मध्यम तथा देर से पकने वाली किस्मों के लिए 60 सेंटीमीटर की दूरी रखना उत्तम माना जाता है.
वहीं खाद एवं उर्वरक की बात की जाए तो देसी प्रजातियों के लिए 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 किलोग्राम फास्फोरस और 30 पोटाश और हाइब्रिड प्रजातियों के लिए 100 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 किलोग्राम फास्फोरस और 40 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर देना चाहिए. वहीं प्रति हेक्टेयर 10 टन सड़ी गोबर खाद भी डाल सकते हैं. गोबर खाद देने पर नाइट्रोजन की 25 किलोग्राम मात्रा कम कर देना चाहिए.
मक्का की खेती के लिए वैज्ञानिकों की सलाह (Advice of scientists for cultivation of maize)
यहां के प्रमुख कृषि वैज्ञानिक नरेंद्र सिंह रघुवंशी का कहना हैं कि वैसे तो मक्का की खेती के लिए जौनपुर जिले को विशेष पहचान मिली है. लेकिन इसके बावजूद यहां के किसान मक्का का अपेक्षित उत्पादन नहीं ले पा रहे हैं. अभी यहां प्रति हेक्टेयर 32 क्विंटल मक्का का उत्पादन होता है. जबकि यह 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होना चाहिए.
ऐसे में मक्का का उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक विधि से खेती करना चाहिए. इसके लिए प्रति हेक्टेयर 20 किलोग्राम जिंक सल्फेट डालना चाहिए है जिससे उत्पादन में इजाफा होता है. वहीं मक्का की बुवाई सही समय पर करना चाहिए जिससे अच्छा उत्पादन मिलता है. 10 से 25 जून तक इसकी बुवाई कर देना चाहिए.