Sugarcane cultivation techniques: फरवरी का महीना बसंतकालीन गन्ने की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इस समय गन्ने की बुवाई करने से किसानों को अच्छी पैदावार मिलती है और फसल की ग्रोथ भी बेहतर होती है. इस दौरान गन्ने की बुवाई करने पर फसल का जमाव काफी अच्छा होता है, जिससे पौधा का विकास अच्छी तरह से होता है और किसानों को कम समय में अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है. ऐसे में किसानों को फसल की गुणवक्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए गन्ने की उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए.
बसंत कालीन गन्ने की बुवाई करते वक्त किसानों को कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए, जैसे- सही किस्म का चुनाव, खेत की जुताई और बुवाई.
इन किस्मों का करें चुनाव
किसानों को गन्ने की बुवाई करते समय लाल सड़न रोधी किस्मों का चयन करना चाहिए, ताकि फसल स्वस्थ रहे और पैदावार अच्छी हो. इस मौसम में किसानों को गन्ने की नई और अगेती किस्मों का चयन करना चाहिए, जिनसे अच्छी उपज मिलती है. कुछ प्रमुख किस्में हैं:
- को.शा. 13235
- को.शा. 17231
- को.शा. 18231
- को.लख. 16202
- को.लख. 14201
इन किस्मों की बुवाई से किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन मिल सकता है. इसके अलावा, कृषि विशेषज्ञों ने 0238 किस्म पर प्रतिबंध लगाया गया है, इसलिए इसकी बुवाई न करें.
सामान्य किस्मों की भी कर सकते हैं बुवाई
यदि किसान सामान्य किस्मों की बुवाई करना चाहते हैं, तो को.शा. 16233 और को.शा. 13452 का चयन कर सकते हैं. ये किस्में भी कम लागत में अच्छी पैदावार देने में सक्षम हैं.
- को.शा. 16233 – अच्छी मिठास और उत्पादन क्षमता वाली किस्म
- को.शा. 13452 – रोग प्रतिरोधी और अधिक उपज देने वाली किस्म
ऊसर जमीन के लिए ये गन्ने की किस्में हैं बेहतर
अगर किसान ऊसर (नमकीन और कम उपजाऊ) जमीन में गन्ने की खेती करना चाहते हैं, तो सही किस्म का चुनाव करना जरूरी है. हर किस्म ऊसर भूमि में अच्छे परिणाम नहीं देती.
- यूपी 14234 – ऊसर मिट्टी में भी अच्छी ग्रोथ और बेहतर उत्पादन
- को.शा. 14233 – रोग प्रतिरोधक और कम उपजाऊ जमीन में भी बेहतर पैदावार
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, ये दोनों किस्में ऊसर जमीन में भी पूरी क्षमता से उत्पादन देने में सक्षम हैं, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है.
ट्रेंच विधि से करें गन्ने की बुवाई
किसानों को गन्ने की बुवाई के लिए ट्रेंच विधि अपनानी चाहिए, क्योंकि इससे बेहतर जमाव, फसल स्वस्थ और उपज में वृद्धि होती है
ट्रेंच विधि से बुवाई के चरण:
- खेत की तैयारी: पहले गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरी बनाएं.
- नाली निर्माण: ट्रेंच डिगर से 1 फीट चौड़ी और 20-25 सेंटीमीटर गहरी नालियां बनाएं.
- बीज रोपण: इन नालियों में एक से दो आंख वाले गन्ने के टुकड़ों की बुवाई करें.
ट्रेंच विधि से बुवाई के फायदे:
- अधिक अंकुरण और बेहतर बढ़वार
- पानी और पोषक तत्वों की अच्छी उपलब्धता
- कम लागत में ज्यादा उत्पादन