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Updated on: 16 July, 2022 12:41 PM IST
Cultivation of Spinach

यह मौसम पत्तेदार सब्जियों की दृष्टि से बहुत खास है. इस मौसम में पत्तेदार सब्जियां बहुत जल्दी फलती फूलती हैं और थोड़ी सी देखभाल कर ली जाए, तो उत्पादन भी कई गुना हो जाता है, क्योंकि यह सीजन बरसात का है और तापमान भी बहुत ज्यादा नहीं है, तो पत्तेदार सब्जियां वातावरण का अनुकूलन पाकर अच्छी ग्रोथ पा लेती हैं.

पालक की खेती के लिए अनुकूल है बरसात का मौसम

यह मौसम पत्तेदार सब्जियों में बेहद खास सब्जी पालक की उन्नत खेती के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी है . वैसे तो पालक की खेती पूरे साल की जाती है, लेकिन मध्यम तापमान होने के कारण जून-जुलाई में भी अच्छी पैदावार होने की संभावनाएं हैं.

नवीन तकनीकों का किया जा सकता है प्रयोग

यदि बरसात के मौसम में खेत में जलभराव या कीड़ों के पनपने का डर हो, तो पॉलीहाउस और ग्रीनहाउस जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है. यानी पत्तेदार सब्जियों की खेती में बरसात का मौसम भी कोई बाधा नहीं है.

आपको बता दें कि  पालक की खेती(Spinach Cultivation) किसी विशेष मौसम की मोहताज नहीं है. यह रबी, खरीफ और जायद तीनों फसलों के समय की जाती है.  यदि अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी हो, तो पालक के पत्ते बहुत तेजी से बढ़ते हैं.

कैसे करें पालक की खेती

एक हेक्टेयर में पालक उगाने के लिए 30 किलो बीज की आवश्यकता होती है और यदि हम छिड़काव विधि से खेती करना चाहते हैं, तो 40 से 45 किलो बीजों की आवश्यकता होगी . यदि हम चाहते हैं कि फसल अच्छी हो और रोग मुक्त हो तो निश्चित मात्रा में जैविक कीटनाशकों का छिड़काव बीजों के उपचार के दौरान ही कर सकते हैं. यदि बरसात मध्यम हो, तो जुलाई के अंत तक पालक की बुवाई करना ठीक रहता है, लेकिन बरसात बहुत तेज हो तो अगस्त तक बुआई को टालना ही उचित रहेगा.आज हम आपको अधिक पैदावार वाली पालक की किस्मों के बारे में बताएंगे -

विलायती पालक की खेती

विलायती पालक के बीज कटीले और गोल होते हैं. इन बीजों  को यदि पहाड़ी और अपेक्षाकृत ठंड वाले इलाकों में उगाया जाए तो फसल ज्यादा अच्छी होती है.

देसी पालक की खेती

भारतीय बाजार में देसी पालक की काफी मांग रहती है. इसकी पत्तियां छोटी और अंडाकार होती हैं. इन पत्तियों में चमक भी होती है. इस किस्म का पालक जल्दी पक जाता है और यह स्वाद में भी बहुत अच्छा होता है.

ऑल ग्रीन पालक (All Green Spinach) की खेती

ऑल ग्रीन किस्म बड़ी जल्दी तैयार होती है. इसे मात्र 15 से 20 दिन लगते हैं और फायदा यह है कि एक बार बुवाई करने के बाद छह से सात बार आराम से कटाई की जा सकती है . यह बहुत अधिक पैदावार देने वाली किस्म है लेकिन सर्दियों में इसे पैदावार देने में लगभग ढाई महीने लग जाते हैं, इसलिए इसे बारिश के मौसम में उगाना ही ठीक रहता है.

पूसा हरित पालक

(Pusa Harit Spinach)

यह किस्म ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्र में उगाई जाती है. इसके पत्ते बड़े आकार वाले और गहरे हरे रंग के होते हैं जो सीधे ऊपर की तरफ बढ़ते हैं. इस किस्म के पालक की खेती क्षारीय भूमि में की जाए, तो पैदावार में अच्छी बढ़ोतरी होती है.

पूसा ज्योति (Pusa Jyoti Spinach)

पालक की पूजा ज्योति किस्म बिना रेशे वाले पत्तों की होती है. यह पत्ते अत्यंत मुलायम और रस भरे होते हैं. बहुत ज्यादा नाजुक होने के कारण इसका स्टोरेज करना मुश्किल होता है लेकिन शहरों के बड़े रेस्टोरेंट्स में बनाई जाने वाली डिशेज में इसका इस्तेमाल बहुतायत से होता है. यह एक जल्दी पकने वाली किस्म है और इसके पत्ते भी बहुत तेजी से बढ़ते हैं. यदि इसका सुरक्षित भंडारण किया जाए और बाजारों तक पहुंचाने का कार्य तीव्र गति से किया जाए तो यह अच्छा मुनाफा देने वाली किस्म साबित होती है.

English Summary: Farmers will be able to get bumper yields by sowing these varieties of spinach
Published on: 16 July 2022, 12:48 PM IST

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