Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 5 March, 2022 1:51 PM IST
सोयाबीन की खेती

बदलते समय के साथ खेती करने के तरीकों में भी काफी बदलाव आता जा रहा है. कई लोग तो अधिक लाभ कमाने के लिए अपनी परंपरागत खेती को छोड़ आधुनिक खेती को अपना रहे हैं. उधर, वहीं कुछ लोग अपने खेती मिट्टा का भरपूर लाभ उठा रहे हैं.

जैसे कि आप सब लोग जानते हैं, कि किसान भाइयों ने अपने खेत से गेहूं और मटर की फसल को निकाल लिया है और अब वह अपने खेत को खाली छोड़ने की बचाएं उसमें सोयाबीन की बोवनी करना शुरू कर दिया है.

आपको बता दें कि फूल गावड़ी के आसपास के क्षेत्रों में सोयाबीन की बुवाई करना शुरू भी कर चुके है और पौधे भी उगने शुरू हो गए हैं.

 इस विषय में किसान भाइयों का कहना है कि वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली सोयाबीन की फसल में कई तरह की बीमारियां लगना का डर बना रहता हैं. जिसका सीधा असर फसल के उत्पादन पर होता है. वहीं अगर इस फसल को हम गर्मी के महीनों में बोएं, तो इसमें बीमारियां लगने की मात्रा कम होती है और फसल भी लगभग 15 दिनों में यह पककर तैयार हो जाती है. इसी कारण से किसानों में अपने खेत को खाली छोड़ने की बचाएं उसमें सोयाबीन की खेती करना शुरू कर दिया. इस समय इस खेती में लागत भी बहुत कम लगती है और बाजार में भी इसके दाम अच्छे मिलते हैं.

गर्मी के महीनों में सोयाबीन की खेती (Soybean cultivation in summer months)

गर्मी के मौसम में बोई गई सोयाबीन की फसल में वायरस जनित पीला मोजेक बीमारी का खतरा होता है और साथ ही चूसक कीटों का प्रकोप भी अधिक देखा गया है. इसके बचाव के लिए किसान को अपने खेत में समय-समय पर सिंचाई व दवाई का छिड़काव जरूर करें. लेकिन गर्मी के महीनों में सोयाबीन की खेती की तरफ किसानों का रुझान बढ़ता ही जा रहा हैं.

यह भी पढ़ेः सोयाबीन की आधुनिक तरीके से खेती करने का तरीका, बुवाई का सही समय और उन्नत किस्में

खेत से दोहरा फायदा (double benefit from the farm)

गर्मी के मौसम में सोयाबीन की खेती शुरू करने का एक मुख्य फायदा यह है कि यह फसल बारिश शुरू होने से पहले ही अच्छे से तैयार हो जाती है.

ऐसे समय में फिर किसानों को सोयाबीन की फसल को काटने के बाद अन्य फसल जैसे गेहूं व चने की खेती करने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता हैं. इससे किसानों को अपने खेत से दोहरा फायदा होता है.

English Summary: Farmers started sowing soybean, earning profits
Published on: 05 March 2022, 01:54 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now