खरीफ सीजन में बढ़ानी है फसल की पैदावार, मई महीने में जरूर करें ये काम, कम खर्च में मुनाफा होगा डबल सिर्फ 10 एकड़ में 180 प्रकार की विभिन्न फसलें उगाकर अच्छी मोटी कमाई कर रहे अजय जाधव, पढ़ें इनकी संघर्ष की कहानी Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी मोटी कमाई! एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Top Agriculture Business Ideas: कृषि क्षेत्र के कम निवेश वाले टॉप 5 बिजनेस, मिलेगा बंपर मुनाफा! Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 30 July, 2019 5:19 PM IST

कर्नाटक के बीदर तालुक के नागौरा गांव का किसान परिवार खेती में नवाचार का काफी ज्यादा लाभ उठा रहा है. यहां पर 33 वर्षीय राजकुमार रायगोंड एक कृषक परिवार से जुड़ा हुआ है. राजकुमार लाल और काले मिश्रित खेतों पर बहु फसली खेती की प्रथाओं मे कई तरह के नवाचार उसने अपनाए है.

सात एकड़ जमीन पर बहु फसल

कुल 12 एकड़ में से सात एकड़ भूमि पर बहु फसली बागवानी खेती के लिए तीन तरह की नई बोरवेल ड्रिल करवाकर उसने ड्रिप सिंचाई की है. इसके लिए तीन लाख रूपये सब्सिडी और बागवानी, तकनीशियनों से बागवानी फसलों हेतु उचित मार्गदर्शन प्राप्त किया. उन्होंने बागवानी विभाग द्वारा प्रदर्शन के लिए दिया हुआ प्रतिभा नस्ल की हल्दी बीज 2 एकड़ जमीन में लगाई है. छह साल से शेष 5 एकड़ में रेड लेडी पपीता, जी-9 केला, केरल नस्ल अदरक, संकर टमाटर और गुंटूर मिर्च उगा रहे है. साथ ही ऐसा करके वह काफी भारी मुनाफा कमा रहे है.

ड्रिप सिंचाई से फसलें जीवित

ड्रिप सिंचाई के सहारे हर तरह की फसलें जीवित है. यहां पर जैविक खेती के लिए दस भैंस, मुर्गी, कबूतर, भेड़ फार्म बागवानी के लिए जरूरत खाद उपलब्ध हो रहा है. अपनी फसलों पर कीट के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए राजकुमार जीवामृत लहसुन, मिर्च के काढ़े का उपयोग कर रहा है. वह अपनी जमीन पर उगी हुई 4 गर्त से प्रति वर्ष 20 टन वर्मी कंपोस्ट खाद का उपयोग करने से सभी फसलें अच्छी तरह से फसल उग रही है. बागवानी फसलों की खरीद और संरक्षण के लिए पैकहाउस निर्माण के लिए दो लाख रूपये, पपीता के लिए 30 हजार लिए और केला फसल के प्रति 1 लाख रूपये सब्सिडी पाकर सभी फसलों को बड़े पैमाने पर उगाया है.

मिश्रित कृषि पद्धति को अपनाए

उनका पूरा परिवार किसानी और खेती करता है. जरूरत पड़ने पर मैं मजदूर लोगों की मदद लेता हूं. बीदर के ओरिएंटल बैंक से डेयरी के विकास के लिए उन्होंने 8 लाख रूपये का लोन लिया है. उनके फार्म से रोजाना 12 भैंस फार्म से 25 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है. बहु फसली खेती प्रथाओं ने पिछले 6 वर्षों से प्रति वर्ष 10 लाख रूपये मुनाफा आ रहा है. उनका कहना है कि किसानो को ज्यादा से ज्यादा कृषि की मिश्रित तकनीक को अपनाने का प्रयास करना चाहिए.

English Summary: Farmers spreading awareness to adopt multifold system in Karnataka
Published on: 30 July 2019, 05:22 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now