देश के हर क्षेत्र में गेहूं की खेती की जाती है. विश्व की कुल 23 प्रतिशत भूमि पर गेहूं की खेती होती है, इसलिए इसे विश्वव्यापी महत्वपूर्ण फसल माना जाता है. गेहूं मुख्यतः एक ठंडी और शुष्क जलवायु वाली फसल है.
इसकी बुवाई के समय 20 से 22 डिग्री सेल्सियस तापमान चाहिए होता है, तो वहीं बढ़वार के समय 25 डिग्री सेल्सियस और पकने के समय 14 से 15 डिग्री सेल्सियस तापक्रम उत्तम माना जाता है. इसके अलावा पाले से फसल का बहुत नुकसान होता है. ऐसे में इस समय अधिकतर किसान गेंहू की बुवाई में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के किसानों के लिए एक खुशखबरी है.
दरअसल, इस साल किसान अपने खेतों में गेहूं के हाइब्रिड बीज की बुवाई कर सकेंगे, क्योंकि कृषि विभाग कांगड़ा ने लगभग 20 हजार टन गेहूं का बीज उपलब्ध करवाया है. इस बीज को विभाग द्वारा कई ब्लाकों के साथ-साथ डिपुओं में पहुंचाया गया है. जहां से किसान इसे सब्सिडी पर खरीद सकेंगे.
आपको बता दें कि जिलेभर में अक्टूबर के अंत और नवंबर में गेहूं की बुवाई का काम शुरू होता है. ऐसे में किसानों को गेहूं के बीज के लिए किसी तरह की समस्या न हो, इसलिए कृषि विभाग द्वारा लगभग 20 हजार टन गेहूं का बीज विभिन्न डिपुओं और विक्रय केंद्रों में पहुंचा दिया है.
सब्सिडी पर खरीदें गेहूं के बीज (Buy wheat seeds on subsidy)
इस बीज को किसान सब्सिडी के साथ 1700 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद सकते हैं. यह हाइब्रिड बीज जिला कांगड़ा की रबी की फसल की परिस्थितियों को देखकर मंगवाया गया है. इससे किसानों को अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त हो सकेगी.
गेहूं की ये किस्में करवाई गई उपलब्ध (These varieties of wheat were made available)
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एचडीटी-86
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डब्ल्यूएच-1105
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डब्ल्यूएच-1080
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एचएस-542
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एचएस-507
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एचएस-562 के साथ अन्य हाइब्रिड किस्मों का बीज उपलब्ध है.