महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 15 June, 2022 6:17 PM IST

देश के किसान भाइयों के लिए रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक ने मूंगफली की खेती करने की सलाह दी है. आपको बता दें कि, मूंगफली की खेती (Peanut Farming) तिलहनी फसलों में से एक है.

जिसे खरीफ और जायद के मौसम में किया जाता है. जैसे कि आप जानते हैं कि, अभी खरीफ का सीजन चल रहा है, तो इस समय किसान मूंगफली की खेती कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

बुन्देलखण्ड के किसान मूंगफली की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं

भारत में इसकी खेती सबसे अधिक आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात राज्यों में की जाती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, अकेले राजस्थान में ही मूंगफली की खेती 3.47 लाख हेक्टेयर के क्षेत्र में की जाती है. इस विषय में कृषि वैज्ञानिक डॉ राकेश चौधरी एवं डॉ आशुतोष शर्मा ने मूंगफली की खेती को लेकर कहा कि अब बुन्देलखण्ड के किसान (farmers of bundelkhand) भी इस खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके लिए कृषि वैज्ञानिक ने यहां के किसानों को मूंगफली की खेती (Peanut Farming) करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है. जो कुछ इस प्रकार से हैं...

मूंगफली की खेती के लिए खेत की तैयारी (preparation for groundnut cultivation)

बुन्देलखण्ड के किसानों को इसकी खेती से अधिक उत्पादकता प्राप्त करने के लिए कम जलभराव वाली, भुरभुरी, दोमट, बलुई दोमट एवं लाल मिट्टी में इसकी खेती करनी चाहिए. इसके लिए आपको सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल या फिर हैरो से जुताई करना शुरू करें. इसके बाज पाटा लगाकर मिट्टी को समतल बनाएं.

ये भी पढ़ें: बहु-उपयोगी व्यापारिक फसल है अलसी, जानिए कैसे इसकी खेती से बढ़ेगी किसानों की आमदनी

मूंगफली की खेती के लिए उन्नत किस्में (Improved Varieties for Groundnut Cultivation)

मूंगफली की खेती के लिए किसानों को अपने खेत में मूंगफली की उन्नत किस्मों (improved varieties of peanuts) को लगाना चाहिए. ताकि वह कम समय में उगकर अच्छी पैदावार दे सकें. इसके लिए वह टीजी 37 ए, दिव्या, मल्लिका, एचएनजी 123, नित्या आदि किस्मों को लगाएं.

ध्यान रहे कि खेत में बीजों की मात्रा 60 से 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से डालें और खेत में उर्वरक का प्रयोग भूमि परीक्षण (Ground test) के आधार पर ही किया जाना चाहिए. इसके अलावा कृषि विज्ञानिकों ने यह भी कहा कि किसान इस फसल की बुवाई जुलाई का प्रथम पखवाड़ा में कर सकते हैं.

English Summary: Farmers of Bundelkhand should get more yield by cultivating groundnut
Published on: 15 June 2022, 06:26 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now