किसानों को पारंपरिक खेती के साथ अक्सर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा उद्यानिकी फसलों की खेती करने की सलाह दी जाती है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह कि उद्यानिकी खेती करने से कम लागत में अच्छा मुनाफा लिया जा सकता है. अब बिहार के किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती करके मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. भागलपुर के सबौर में स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय बिहार के कोसी-सीमांचल के किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए प्रेरित कर रहा है.
स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद
यहां के कृषि वैज्ञानिकों का कहना हैं कि ड्रैगन फ्रूट स्वास्थय के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है. दरअसल, इसमें विटामिन-बी, सी, फास्फोरस, आयरन मैग्नेशियम जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यही वजह है कि इसके सेवन से हार्ट, कैंसर, डायबिटीज, मोटापा और अर्थराइटिस जैसी बिमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है.
इन जिलों में हो रही खेती
संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है ड्रैगन फ्रूट से प्रति एकड़ 14 लाख रुपये की कमाई की जा सकती है. यही वजह कि किसानों में ड्रैगन फ्रूट की खेती के प्रति रुझान बढ़ रहा है. कृषि वैज्ञानिक हेमंत कुमार का कहना है कि पहले यहां केवल 10 एकड़ में ही ड्रैगन फ्रूट की खेती होती थी लेकिन अब इसका रकबा लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां के पूर्णिया, सुपौल, सहरसा, खगड़िया, अररिया तथा नालंदा जैसे क्षेत्रों में ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है.
25 साल तक देता है फल
कृषि वैज्ञानिकों का कहना हैं कि ड्रैगन फ्रूट का पौधा लंबे समय तक फल देता है. इससे लगातार 25 साल तक फल लिए जा सकते हैं. वैज्ञानिक हेमंत कुमार का कहना हैं ड्रैगन फ्रूट की खेती ख़ास तरीके से की जाती है. इसके लिए खेतों में पिलर लगाए जाते हैं. हर पिलर पर ड्रैगन फ्रूट के चार पेड़ों की लत्तिनुमा मोटी शाखाएं चढ़ा दी जाती है. उन्होंने बताया कि इसके पौधों में मार्च माह में फूल आते हैं. इसके 35 दिनों बाद पौधे पर फल पक जाते हैं. इसमें से 6 से 7 महीने तक फल आते हैं.
300 रुपये किलो बिकता है
ड्रैगन फ्रूट से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. यदि किसान इसे मंडी में थोक भाव में बेचते हैं तो 250-300 रुपये प्रति किलो के भाव मिल जाते हैं. वहीं खेरची में यह 400 से 500 रुपये किलो बिकता है. एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने में 5 से 7 लाख रुपये का खर्च आता है. वहीं प्रति एकड़ इससे 14 लाख की कमाई हो जाती है. ऐसे खर्च काटकर शुद्ध मुनाफे की बात करें तो प्रति एकड़ 7 से 8 लाख रुपये की कमाई हो सकती है.