Farming: आज के समय में देश के किसान खेती-किसानी से कम समय में ही अच्छी मोटी कमाई कर सकते हैं. क्योंकि इस आधुनिक समय में खेत में कई तरह की नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो किसान के बजट में भी है. इसी क्रम में आज हम किसानों के लिए खरबूजे की खेती/ kharbuja ki kheti की एक ऐसी बेहतरीन तकनीक की जानकारी लेकर आए हैं, जिसे किसान अपनाकर सिर्फ तीन महीने में ही लखपति बन सकते हैं. दरअसल, खरबूजे की खेती की जिस तकनीक की हम बात कर रहे हैं, वह पेटा काश्त तकनीक है.
बता दें कि खरबूजा बाजार में अन्य फलों की तुलना में काफी सस्ता होता है, जिसके चलते खरबूजे की मांग गर्म और शुष्क क्षेत्रों में काफी अधिक होती है. ऐसे में आइए खरबूजे की पेटा काश्त तकनीक के बारे में विस्तार से जानते हैं-
खरबूजे की खेती में पेटा काश्त तकनीक
ICAR के द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेटा काश्त तकनीक में संरक्षित जल की सीमित उपलब्धता और उच्च मृदा उर्वरता के कारण खरबूजा फसल में किसी भी प्रकार के उर्वरक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. ऐसा इसलिए नहीं किया जाता है क्योंकि इसे खरबूजे की खुशबू और स्वाद अच्छा रहता है. इस तकनीक पर किसानों की लागत कम आती है और मुनाफे में काफी अधिक बढ़ोतरी होती है.
खरबूजे की उन्नत किस्में/ Improved Varieties of Melon
अगर आप भी अपने खेत में खरबूजे की खेती पेटा काश्त तकनीक से कर रहे हैं और आप इसे अधिक फल प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको खरबूजे की उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए. कृषि बाजार में खरबूजे की कई किस्में मिलती है, लेकिन अच्छी पैदावार के लिए पूसा शरबती (एस-445), पूसा मधुरस, हरा मधु, आई.वी.एम.एम.3 , पंजाब सुनहरी किस्में काफी किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है.
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खरबूजे की खेती से तीन महीने में मोटी कमाई
खरबूजे की खेती/ Melon Cultivation अगर किसान पेटा काश्त तकनीक के माध्यम से करते है और साथ ही वह खेत में खरबूजे की उन्नत किस्मों/Varieties of Melon को लगाते हैं, तो ऐसे में किसान को दो महीने के बाद ही अच्छा लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. दरअसल, खेत में खरबूजे की बुवाई के ढाई से तीन महीने के बाद ही उसका फल मंडियों में बिकने के लिए तैयार हो जाता है. इस तरह से किसान खरबूजे की उन्नत खेती कर तीन महीने में ही अच्छी कमाई कर सकते हैं.