अभी भी देश के कई क्षेत्रों में पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है. यह उन लोगों के लिए खासतौर से एक बड़ा मुद्दा है जिनके लिए खेती ही उनकी आमदनी का एकमात्र सहारा है. जी हाँ, हम किसानों की बात कर रहे हैं. कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां किसानों को खेती करने के लिए उचित संसाधन नहीं मिल पा रहे हैं. इनमें एक सबसे बड़ा साधन सिंचाई (irrigation) है. सिंचाई के लिए किसानों को पानी की दिक्कत अभी भी होती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सूखे की समस्या है. ऐसे में किसान डबरी का सहारा ले सकते हैं.
'डबरी' एक ऐसा सिस्टम है जिसके ज़रिए किसान (farmers) खेत का पानी रोक सकते हैं और इसका इस्तेमाल कई तरह से कर सकते हैं. खेत के पानी को रोकने की यह संरचना किसानों के लिए बड़े काम की है. इस पानी से किसान अपने खेत की सब्ज़ियों की भी सिंचाई कर सकता है. पानी की समस्या से जूझ रहे किसान डबरी निर्माण की मदद से खरीफ़ धान, अरहर और रबी फसलों का भी उत्पादन कर सकते हैं.
आपको बता दें कि इस समय छत्तीसगढ़ के किसान इस डबरी के ज़रिए कम लागत में बेहतर मुनाफ़ा कमा रहे हैं. यहां के कई किसान मनरेगा के तहत बनाए गए डबरी से दोहरी फसल लेने के साथ ही सब्जी और मछली पालन कर अपनी आर्थिक स्थिति मज़बूत कर रहे हैं.
यह है डबरी निर्माण का बड़ा फ़ायदा
खास बात यह है कि खेत के पास डबरी होने की वजह से किसानों को पानी की दिक्क्त का सामना नहीं करना पड़ रहा है. किसानों को फसल की सिंचाई के लिए खेत से ही पानी मिल जाता है.
मछली पालन के लिए भी बेहतर विकल्प
आपको बता दें कि किसान अपने खेतों के आस-पास ही डबरी का निर्माण कर सकते हैं. इस डबरी सिस्टम से किसान पानी को रोककर मछली पालन भी कर सकते हैं. मछली पालन आज के समय में आमदनी का एक अच्छा व्यवसाय है. किसान डबरी बनाकर मछली पालन करके खेती के अलावा एक और आमदनी का ज़रिया पा सकते हैं और काफी अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं.
दोहरी फसल ले सकते हैं किसान
किसान डबरी की मदद से ही कई तरह के फलों का भी उत्पादन कर सकते हैं, जैसे नींबू, पतीता, केला, अमरूद आदि. इसके साथ ही वे सब्ज़ियों की बुवाई भी कर सकते हैं, जैसे टमाटर, बैंगन, सेम, लौकी, गाजर, साग आदि.
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