Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 4 June, 2019 4:26 PM IST

यहां पर जिले में तालाब के जगह पर प्लास्टिक के जार में मत्स्य पालन किया जा रहा है.जिले के एक छोटे से गांव सलावा के किसान प्रकाशवार वीर ने भी खेती की नई तकनीक को अपनाया है. उन्होंने खेत की जगह पर मकान की छत पर ही हाइड्रोफोनिक विधि से खेती करने का कार्य किया है.इस विधि में मिट्टी के बजाय नारियल के फल के छिलके के बुरादे में फसल बोई जा रही है. इस बुरादे को कोको-पिट कहा जाता है.

ऐसे की गई हाइड्रोपोनिक खेती

इस खेती के लिए मकान की छत पर चार इंच व्यास के पाइप को बिछाया गया है. इसमें नौ इंच की दूरी पर छेद किए गए हैं. इसमें कुल नौ इंच की दूरी पर छेद किए गए हैं. इन छेद में प्लास्टिक की जाली में नारियल के छिलके का बुरादा भरा गया है. सभी साइड में पाइप लगे होते हैं. ये आपस में एक अन्य छोटे पाइप से कनेक्ट होते है. पहले पाइप में टंकी से पानी छोड़ा गया है. पानी सभी पाइप में घूमकर सबसे पहले आखिरी छोर में पहुंचता है. वहां पर पानी बाहर एक ड्रम में एकत्र होता है. यह पानी बार-बार सिंचाई तकनीक में इस्तेमाल किया जाता है. इस विधि से फसलों में तरल खाद दिया जाता है. उन्होंने इस विधि से 300 पौधे बोए थे.  हर पौधे पर 400 ग्राम फल आया. फसल के दाम 400 से 600 रूपये प्रति किलोग्राम मिल चुके है.प्रकाशवीर ने अपनी फसल को 40 हजार रूपये में बेची है.

हाइड्रकोपोनिक खेती नई तकनीक

यह एक नई तरह की तकनीक है जिन लोगों के पास अपनी खुद की जमीन नहीं है वह इस खेती को कर सकते है. इसका इस्तेमाल घर या खेत में किया जा सकता है. हाइड्रोफोनिक विधि में खेत के मुकाबले केवल एक चौथाई जगह में ज्यादा त्पादन लिया जा सकता है. इसमें खेत में नाली और गुल आदि बनाने की जरूरत नहीं होती है. कोको पिट बीज की दुकानों से मिल जाता है. कुल 300 स्कावायर फीटमें लगाने की 15 हजार लगात आती है. फिलहाल कोई सबब्सिडी इस योजना में नहीं मिलती है.

अन्य किसान हो रहे जागरूक

किसान भी इस तकनीक को अपनाकर काफी जागरूक हो रहे है. मिट्टी से कई तरह के कीटों के जरिए बहुत सी बीमारी आती है. किसान प्रकाशवीर के अनुसार आसपास के के गांवों के किसानों ने भी उनके घर पर आकर खेती करने की बात कही है.

English Summary: Farmers being cultivating strawberries on the roof
Published on: 04 June 2019, 04:31 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now