Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Loan Scheme: युवाओं को बिना ब्याज मिल रहा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 27 August, 2022 5:42 PM IST
Farmer women did wonders with zero budget farming

बाजार में लगातार बढ़ती महंगाई के कारण देश के किसान भाइयों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उनके समक्ष एक और नई परेशानी आई है जो है रासायनिक खाद व कीटनाशक इनके उपयोग से खेत की उत्पादकता कम होती जा रही है और साथ ही इससे किसानों व आम लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर देखने को मिल रहा है.

इन सब दिक्कतों को देखते हुए नारायणबगड़ की किसान महिलाएं (farmer women) खेती के नए-नए तकनीक को लेकर सामने आ रही हैं. इन्हीं में से एक जीरो बजट फार्मिंग है, जिससे किसान महिलाएं अपने खेत व घर में खाद को तैयार कर रही हैं.

बाजारी खाद से होती हैं कई बीमारियां (Many diseases caused by market fertilizer)

गांव की महिलाओं के मुताबिक, बाजार से लाए गए खाद का उपयोग खेत में करने से उन्हें कई तरह की परेशानियां होना शुरू हो गई थी. क्योंकि खाद में अधिक मात्रा में केमिकल्स मिले होने के कारण सांस लेने में तकलीफ, सर दर्द, सर्दी जुकाम, अस्थमा और अन्य कई हानिकारक बीमारियों के शिकार बनते जा रहे थे. यह बीमारियां केवल महिलाएं को ही नहीं पुरुषों में भी देखने को मिल रही थी. इन सब के चलते महिलाओं ने खुद अपनी फसल के लिए खाद को तैयार करना शुरू कर दिया, जो पूरी तरह से यानि 100 प्रतिशत होममेड खाद है. इसके खेत में इस्तेमाल करने से यह सब परेशानियां नहीं होती हैं. 

ऐसे तैयार की खाद (ready-made compost)

इस होममेड खाद को खुद महिलाओं ने तैयार किया है, इसमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं मिलाया गया है. इसमें केवल गाय का गोबर, गौमूत्र, गुड़ और मिट्टी का अच्छे से घोल तैयार किया जाता है. अंत में इसे खेत में डाल दिया जाता है. इसके इस्तेमाल से खेत की फसल को पौष्टिक तत्व प्राप्त होता है.

किसानों का कहना है कि पहले जो पैसा बाजार से खाद खरीदने में लगता था, उसकी दर अब बेहद कम हो चुकी है. यह सब गांव कि किसान महिलाओं के हुनर से मुमकिन हुआ है.

ये भी पढ़ें: जमीन की अमृत खाद से बनेगी बंजर जमीन भी हरी-भरी, जानें पूरी जानकारी

इस खाद की शुरुआत पहले गांव के लगभग 200 किसानों के साथ की गई और अब वह चाहते हैं कि इस जीरो बजट फार्मिंग का अपने खेत में उपयोग करें और जितना हो सके केमिकल वाले खाद (chemical fertilizers) से किसान भाई बचें.

English Summary: Farmer women did wonders with zero budget farming, preparing their own fertilizer
Published on: 27 August 2022, 05:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now