Farm pond for irrigation: भारत के कई राज्यों में बारिश की कमी और पानी की दिक्कत किसानों के लिए बड़ी परेशानी बन गई है. खेतों में समय पर सिंचाई न होने से फसलें खराब हो रही हैं. ऐसे समय में खेत के पास तालाब बनवाना किसानों के लिए एक आसान और फायदेमंद तरीका बन गया है. यह तालाब बरसात का पानी जमा करके बाद में सिंचाई में काम आता है. इससे बिजली और डीज़ल की भी बचत होती है. साथ ही, तालाब में मछली पालन कर किसान extra कमाई भी कर सकते हैं. सरकार भी इसके लिए किसानों को पैसे की मदद (सब्सिडी) दे रही है. खेत तालाब अब खेती को आसान, सस्ती और फायदेमंद बनाने का नया तरीका बन गया है.
सिंचाई के लिए स्थायी जल स्रोत
खेत के पास बना तालाब वर्षा के दौरान पानी को संचित कर लेता है, जिसे बाद में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे किसानों को हर बार बोरिंग या ट्यूबवेल पर निर्भर नहीं रहना पड़ता, जिससे बिजली और डीजल की भी बचत होती है. खासकर उन इलाकों में जहां बारिश कम होती है, वहां तालाब बहुत उपयोगी साबित होते हैं.
फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में बढ़ोतरी
जब खेतों में समय पर और पर्याप्त पानी मिल जाता है, तो फसलों की गुणवत्ता बेहतर होती है. इससे उपज भी अधिक होती है. छोटे तालाब की मदद से किसान मौसम की अनिश्चितता के बावजूद फसल की सिंचाई कर पाते हैं, जिससे नुकसान की संभावना कम हो जाती है.
मछली पालन से अतिरिक्त आय
यदि तालाब को थोड़े वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया जाए, तो उसमें मछली पालन भी किया जा सकता है. इससे किसान को खेती के अलावा एक अतिरिक्त आय का स्रोत मिल जाता है. कुछ राज्य सरकारें मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान भी देती हैं.
पानी का भूजल स्तर बढ़ाने में मदद
छोटे तालाब वर्षा जल को रोक कर जमीन में धीरे-धीरे रिसने का मौका देते हैं, जिससे भूजल स्तर में सुधार आता है. लंबे समय में यह गांव या क्षेत्र की जल संकट की समस्या को कम करने में मदद करता है.
पशुधन के लिए पानी
गांवों में पशुपालन भी खेती का अहम हिस्सा होता है. तालाब से न सिर्फ फसलों के लिए, बल्कि पशुओं के लिए भी पानी की व्यवस्था हो जाती है. गर्मियों में जब हैंडपंप या कुएं सूख जाते हैं, तब तालाब का पानी बहुत उपयोगी साबित होता है.
सरकारी योजनाओं से मिल रही मदद
भारत सरकार और राज्य सरकारें खेत तालाब बनाने के लिए अनुदान और सब्सिडी देती हैं. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत किसानों को खेत में तालाब बनवाने पर 40% से 60% तक की सब्सिडी का लाभ दिया जाता है. इसके अलावा, राजस्थान सरकार की फार्म पॉण्ड योजना 2025 के तहत किसानों को 63,000 रुपए से लेकर 1,35,000 रुपए तक अनुदान दिया जाता है.
जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण
तालाब न केवल जल संरक्षण में सहायक होते हैं, बल्कि आसपास का पर्यावरण भी संतुलित रखते हैं. छोटे-छोटे तालाबों की वजह से नमी बनी रहती है, और प्राकृतिक जैव विविधता को भी संरक्षण मिलता है. पक्षी, मेंढ़क और अन्य जीव भी तालाब के आस-पास पनपते हैं, जिससे इकोसिस्टम को बल मिलता है.