मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के छोटे से गांव कुमठी के किसान सुभाष गुर्जर ने टमाटर की आधुनिक खेती करके एक नई मिसाल कायम की है. लिहाजा उन्हें टमाटर की खेती से लाखों की रुपये की कमाई हो रही है.
उन्हें यह सफलता तब मिली जब उन्होंने पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक तकनीक का दामन थामा. तो आइये जानते हैं सुभाष की टमाटर की आधुनिक खेती का तरीका -
हर पौधे में 200 सौ टमाटर (200 hundred tomatoes per plant)
सुभाष ने अपने एक एकड़ के नेट हाउस में मल्चिंग टेक्नीक से टमाटर के करीब 10 हजार पौधे लगाए. यह पौधे उन्होंने जुलाई महीने में लगाए थे. बीज के सही चुनाव और खाद-सिंचाई के सही समन्वय से उन्होंने यह पौधे तैयार किए.
आख़िरकार सुभाष की मेहनत रंग लाई और उनके टमाटर के पौधे करीब 9 फीट के हो गए और हर पौधे में 200-200 टमाटर लगे हैं. अब उन्होंने टमाटर की तुड़ाई शुरू कर बाजार में पहुंचाना शुरू कर दिया है.
स्पेनी टमाटर का बीज (Spanish Tomato Seeds)
उन्होंने टमाटर की इस नई किस्म का बीज हैदराबाद से मंगवाया था.
जो कि स्पेन देश का है. करीब दस हजार पौधों के लिए उन्होंने 50 रुपये खर्च किए. इसके बाद उन्होंने बीज को डुल्हार रोपणी में पौधों को तैयार करवाया. सुभाष का कहना है कि उन्होंने तैयार पौधों को अपने एक एकड़ में फैले नेट हाउस में मल्चिंग तकनीक से लगाया.
शॉवर का उपयोग (Shower access)
सुभाष ने आगे बताया कि उन्होंने पौधों के अच्छे विकास के लिए नेट हाउस में पौधों के ऊपर शॉवर लगाए. नेट हाउस का तापमान बढ़ने पर वे शॉवर की मदद से पौधों के ऊपर पानी का छिड़काव करते हैं. जिससे तापमान पौधे के अच्छे के विकास के अनुकूल हो जाता है.
सुभाष ने बताए कि उन्होंने बीज खरीदी से लेकर अब तक पौने दो लाख रुपये का खर्च कर दिया है. 8 महीने के बाद अब पौधों में टमाटर की बंपर पैदावार हो रही है. यह पौधे अगले 5 महीनों तक फल देंगे. जिससे उन्हें 4 लाख रुपये का मुनाफा होने की संभावना है.
सरकारी अनुदान (Government grants)
सुभाष ने नेट शेड के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत क्लस्टर के अंतर्गत जिला उद्यानिकी विभाग खंडवा से सब्जियों की खेती के लिए 34 लाख का लोन लिया. जिसमें सरकार ने उन्हें लगभग 17 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान की. टमाटर की खेती से पहले सुभाष इसमें खीरा और शिमला मिर्च की खेती ले चुके हैं. हर खेती से उन्हें 4 लाख रुपये तक का मुनाफा होता है.