महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 17 November, 2020 4:22 PM IST

पुदीने की चटपटी चटनी तो हम सभी को पसंद है. लेकिन क्या आपका ध्यान कभी पुदीने की खेती पर गया है? क्योंकि उससे मिलने वाले शानदार मुनाफे भी काफी चटपटे होते है. सर्दी में जापानी पुदीना की मांग काफी बढ़ जाती है. आजकल कई सारे किसानों का रुझान पुदीने की खेती की तरफ दिख रहा है. क्योंकि पुदीने की खेती करते वक्त फसलों में ना कोई कीड़ा लगने का डर होता है और ना ही बरसात के पानी का कोई खौफ. पहले के समय में पुदीने की खेती के लिए पहाड़ी क्षेत्रों को उचित माना जाता था लेकिन आजकल सभी जगह पुदीने खेती की जा रही है.भारतीय उद्योगों में पुदीने से बनने वाले उत्पादों में भारी बढ़त देखी गई है. खासकर दवा कंपनियां इसका इस्तेमाल बहुत तादाद में कर रही हैं. 850 से 900 रुपये प्रति लीटर तक मेंथा आयल की बिक्री बाजार में होती है.पुदीने में मौजूद औषधीय तत्वों की वजह से इसकी मांग दुनियाभर में लगातार बढ़ रही है और इसीलिए पुदीने की खेती करके कुछ दिनों में लाखों का मुनाफा लिया जा सकता है

पुदीना की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है? (Where the production of Mint does takes place the most)

मेंथा की उत्पत्ति को सबसे पहले चीन में देखा गया था. चीन के बाद दूसरा नंबर जापान का है ऐसा कहा जाता है कि जापान से पुदीने को भारत में लाया गया. पुदीना यानी मिंट/ मेंथा की खेती दुनियाभर में कई देशों में की जाती है. खास तौर पर चीन, जापान, थाईलैंड, अंगोला, अर्जेंटीना,  ब्राजील और भारत जैसे देशों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. भारत के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश,  उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे विभिन्न राज्यों में पुदीने का काफी उत्पादन होता है. आजकल के तकनीकी दौर में राजस्थान भी पुदीने की खेती से पीछे नहीं है.

पुदीने की उन्नत खेती के लिए जलवायु और मिट्टी (Best climate and soil for Mint farming)

पुदीना की खेती करते समय उपयुक्त जलवायु का होना बेहद जरूरी है वरना पुदीने की पैदावार, ठीक नहीं होगी. मिंट की खेती के लिए समशीतोष्ण जलवायु उचित मानी जाती है. इसकी खेती के लिए ऐसी जगह चुनिए जहां सर्दी के दिनों में पाला या फिर बर्फबारी होने की कोई गुंजाइश नहीं हो. क्योंकि यहां पुदीने की खेती मुमकिन नहीं हो पाती और पौधे की पत्तियों में तेल और मेंथॉल का लेवल भी प्रभावित हो सकता है.पुदीना की खेती के लिए कई प्रकार की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन ध्यान रहे कि मिट्टी में जल धारण करने की बेहतरीन क्षमता हो. आप बलुई दोमट मिट्टी का प्रयोग कर सकते हैं. पुदीने की खेती के लिए ऐसी मिट्टी चुनें जिसका पी.एच मान 6.0 से 7.0 के आस-पास हो. इस बात का खास ध्यान रखें कि पुदीने की बुवाई के लिए उत्तम जल निकासी वाली मिट्टी होनी चाहिए. ऐसे भूमि जहां पानी भर जाता हो वहां पुदीने की खेती करना सही विकल्प नहीं है.

पुदीने के स्वास्थय लाभ Health Benefits of Mint

  • पुदीने के नियमित सेवन से लगभग 70 रोगों से निजात पाई जा सकती है। मुंह से आने वाली दुर्गंध से लेकर निमोनिया जैसे गंभीर समस्याओं को दूर करने में पुदीना काफी कारगर है.

  • जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है उनके लिए पुदीना एक गुणकारी औषधि साबित हो सकता है. अंजीर के साथ अगर पुदीने के पत्तों का सेवन किया जाए तो शरीर के अंदर जमा हुआ कफ पिघलने लगता है और जल्दी ही आपको कफ से मुक्ति मिल जाती है. इतना ही नहीं, पुदीने का जूस भी आपकी सांस से जुड़ी हुई समस्याओं को खत्म करने में भी मदद करता है.

  • आजकल के खानपान में गुण कम और अवगुण ज्यादा पाए जाते हैं. इसीलिए हम में से कई लोग पेट से जुड़ी समस्याओं के शिकार हो जाते हैं जिसकी वजह से एसिडिटी, दस्त या फिर कब्ज जैसे रोगों से अक्सर तबीयत बिगड़ती है. अगर आपके पेट में जलन होती है या फिर ब्लोटिंग की समस्या रहती है तो पुदीने के रस को गर्म पानी के साथ मिलाकर उसमें एक चम्मच शहद घोटकर पीने से काफी फायदा होता है.

  • जिन लोगों के लिवर में सूजन है या फिर पीलिया की समस्या से वह परेशान है उनके लिए पुदीना काफी लाभकारी है.

  • गर्मियों में लू निजात दिलाने के लिए पुदीना बहुत लाभकारी है. और पुदाने से बने पय पदार्थ बहुत स्वादिस्ट भी होते हैं.

  • जिन लोगों को त्वचा से जुड़ी हुई समस्याएं है उनकी त्वचा के लिए पुदीना की ताजी पत्तियां काफी असरदार हैं.

पुदीने की खेती से कितनी उपज होती है? (How much profit you can earn by the production of Mint)

पुदीने की पत्तियों से कई प्रकार के उत्पादन तैयार किए जा सकते हैं जैसे कि तेल, चटनी, आदि. पुदीने की खेती करना इतना आसान है कि इसकी फसल लगभग 70 दिनों में पूरी तैयार हो जाती है और बेचने के लायक हो जाती है. पुदीने की फसलों में कोई भी रसायन प्रयोग करना जरूरी नहीं माना जाता है. बाजार के मोल भाव के हिसाब से 5 किलो पुदीना लगभग ₹150 में बिकता है. पुदीने की खेती करने से प्रति हेक्टेयर आपको लगभग 300 क्विंटल ताजा शाका और ढाई सौ लीटर तेल मिलता है. बाजार में पुदीने के तेल की कीमत 800 से 1800 प्रति किलोग्राम तक पाई गई है. अगर आप पुदीने की खेती एक हेक्टेयर जमीन पर करते हैं तो आपको 2 से 3 महीनों के अंदर लगभग डेढ़ लाख तक का भारी मुनाफा होने की संभावना है.

English Summary: Every information related to mint cultivation
Published on: 17 November 2020, 04:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now