उत्तर प्रदेश के टिकरी गांव में उगाई जाने वाली मशरूम की विदेशों में जबरदस्त मांग रहती है. यहां कि मशरूम जापान, इंडोनेशिया समेत दूसरे देशों में निर्यात किया जाता है. इन देशों में टिकरी से आयात की जाने वाली मशरूम का पाउडर बनाया जाता है, जिससे सूप तैयार होता है. ऐसे में आइये जानते हैं टिकरी में कौन-सी मशरूम उगाई जाती है और इसकी क्या खासियतें हैं-
ऑयस्टर मशरूम की खेती
यूपी के वाराणसी से सटे टिकरी गांव में ऑयस्टर मशरूम की खेती की जाती है. इस मशरूम को पूर्वी उत्तरी देशों जैसे जापान और इंडोनेशिया में निर्यात किया जाता है. भारतीय सब्जी अनुसंधान केन्द्र उत्तर प्रदेश के चार जिलों में मशरूम की खेती करने के लिए किसानों को जागरूक कर रहा है. इन जिलों में वाराणसी के अलावा सोनभद्र, चंदौली और गाजीपुर शामिल है. यहां के किसानों को 10 दिन की ट्रेनिंग में मशरूम की खेती करना सिखाया जाता है.
अच्छी खासी डिमांड
ऑयस्टर मशरूम की बढ़ती मांग को देखते हुए अधिक से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. यहां के किसान 10 दिन के प्रशिक्षण लेने के बाद ही मशरूम की खेती करना शुरू कर देते हैं. इस समय प्रशिक्षित किसान रोजाना 100 किलोग्राम मशरूम का रोजाना उत्पादन कर रहे हैं. जबकि वाराणसी में ही तकरीबन 500 किलोग्राम रोजाना की खपत है. यही वजह है कि अधिक से अधिक किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
पाउडर बनाकर बेचा जाएगा
फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPO) के डायरेक्टर डॉ. रामकुमार राय का कहना है कि पूर्वी उत्तरी देशों में मशरूम के पाउडर की डिमांड रहती है. यही वजह है कि ऑयस्टर मशरूम की खेती के साथ ही इसका पाउडर बनाना भी शुरू किया जाएगा. वहीं एक लैब का भी निर्माण किया जाएगा जिसमें निर्यात से पहले पाउडर की जांच हो सकें.