आज हम अपने लेख में एक ऐसी फसल की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसकी खेती कर किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. हम लौंग की खेती (Clove Cultivation ) की बात कर रहे हैं. लौंग का उपयोग खाना बनाने से लेकर कई बीमारियों का इलाज करने में होता है. इसके अलावा लौंग का उपयोग पूजा–पाठ में मुख्य रूप से किया जाता है
लौंग में बहुत सारे पौष्टिक तत्व (Nutrients) पाए जाते हैं, जैसे पोटेशियम, सोडियम, फास्फोरस, आयरन, फायबर, विटामिन–सी, विटामिन-के, ओमेगा- 3, फैटी एसिड्स एवं कैल्सियम आदि की प्रचुर मात्रा में पाई जाती है. ऐसे में इसकी काफी मांग बढ़ जाती है, इसलिए किसान इसकी खेती में काफी रुचि ले रहे हैं. बता दें कि इसकी खेती देश के कई राज्यों में की जाती है. इस खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे एक बार लगने के बाद कई वर्षों तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. आइए लौंग की खेती के बारे में जानते हैं.
लौंग की खेती के लिए जरुरी बातें (Important things for clove cultivation)
किसान भाईयों को लौंग की खेती करते समय नीचे दी गई बातों को ध्यान में रखना चाहिए.
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लौंग की खेती के लिए बलुई मिट्टी अच्छी मानी जाती है.
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मिटटी में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.
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लौंग की खेती के लिए 10 डिग्री तापमान उचित माना जाता है.
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खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु उचित मानी जाती है.
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पौधे अधिक वर्षा और गर्म मौसम को सहन नहीं कर पाते हैं.
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लौंग की खेती में 4 से 5 साल तक सिंचाई करने की आवश्यकता होती है.
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इसके बाद नियमित समय से सिंचाई करते रहें, ताकि इसमें पानी की कमी ना हो.
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जब लौंग का पौधा 4 से 5 वर्ष पुराना हो जाएगा, तब इसमें फल और फूल आना शुरू हो जाएंगे.