आज के समय में कई युवा किसानों का खेती की तरफ रुझान बढ़ा है. दरभंगा के युवा किसान धीरेन्द्र भी उन्हीं में से एक है. वे आधुनिक खेती के जरिए अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. दरअसल, धीरेन्द्र ने बरसात के समय में जलभराव के कारण खाली पड़ी रहने वाली जमींन पर मखाने की खेती शुरू की. बेहद कम इन्वेस्टमेंट में उन्होंने इस जमींन को कमाई का एक जरिया बना लिया है. इससे वे साल भर लाखों रुपए की आय अर्जित कर रहे हैं.
एक समय खेती करना छोड़ दिया
दरभंगा के बेलबाड़ा गाँव से ताल्लुक रखने वाले धीरेन्द्र सिंह की सात बीघा जमीन ऐसी थी जिसमें जलभराव के कारण कोई फसल नहीं हो पाती थी. धान की खेती भी इसमें असफल रही है. लिहाजा यह जमीन सालों से बेकार पड़ी थी. इसमें उन्होंने मखाने की खेती शुरू की. मखाने की खेती के लिए उन्होंने मखाना अनुसंधान केंद्र में संपर्क किया. जो उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ. उन्होंने अपनी 7 बीघा बेकार जमींन में इसकी खेती शुरू की. इसमें तक़रीबन 1 लाख 80 हज़ार रुपए का खर्च आया. जिससे उन्हें 42 क्विंटल मखाना पैदा हुआ. जो 4 लाख 20 हज़ार में बिका. इससे उन्हें 2 लाख 40 हजार का शुद्ध मुनाफा हुआ. धीरेन्द्र कहते है कि इससे अभी 7-8 क्विंटल मखाना और निकलेगा जिसकी कीमत लगभग 50 हज़ार रुपए है.
5 बीघा में सिंघाड़ा
मखाना के अलावा धीरेन्द्र ने अपनी अन्य पांच बीघा ज़मीन में सिंघाड़े की खेती शुरू की. जिसमें से उन्होंने एक बीघा की तुड़ाई हाल ही कर ली. जिससे उन्हें खेती की लागत मिल गई. वहीं 4 बीघा के सिंघाड़े की तुड़ाई और बाकी है. जिसकी कीमत 60 हज़ार से अधिक है. वहीं वे इसमें मछली पालन भी करते हैं जिससे उन्हें अतिरिक्त आय हो जाती है.
पहले ट्रेनिंग ली
प्रगतिशील किसान धीरेन्द्र को मखाना की खेती करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों का भरपूर साथ मिला. इसके लिए उन्होंने मखाना अनुसंधान केंद्र में ट्रेनिंग की भी ली. जहाँ से उन्हें पांच किलो मखाना का बीज मुफ्त मुहैया कराया गया. समय समय पर कृषि वैज्ञानिकों ने उनके खेत का निरीक्षण किया और उन्हें उचित मार्गदर्शन दिया. वहीं लॉकडाउन के दौरान अधिकारीयों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मदद की.