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Updated on: 6 April, 2023 11:49 AM IST

भारत सबसे ज्यादा लाख का उत्पादन करता है. विश्व का लगभग 70 फीसदी लाख का हिस्सा यहां उत्पादित होता है. भारत के अलावा चीन, रूस, बर्मा और वियतनाम में इसकी खेती की जाती है. भारत में यह झारखंड, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में उत्पादित किया जाता है. लाख का उपयोग सजावटी सामानों को बनाने के लिए किया जाता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए पारंपरिक खेती के साथ ही लाख की खेती की भी ट्रेनिंग दे रहा है. इससे किसानों को अच्छा फायदा होता है.

खेती

लाख की खेती बेर, पलाश, पीपल, गूगल, रेनट्री और गलवा जैसे पेड़ों पर की जाती है. किसान अपने खेतों के चारों तरफ इन पेड़ों को लगा देते हैं. लाख प्रमुख तौर पर एक परजीवी कीट होता है. जो इन पेड़ों पर रहकर अपना जीवन बसर करता है. लाख की उत्पादन प्रक्रिया बहुत ही आसान है और इसे बिना बड़े खर्च के शुरू किया जा सकता है.

कटाई

लाख की फसल लगाने के बाद 4 से 8 महीने तक परिपक्व हो जाती है. यह कीट पौधों की डंठलों में रहते हैं, जिसमें से शिशु कीट निकलता है. पोषक पेड़ों पर लाख कीट को संचारित करने के लिए 6 से 9 इंच लंबी लाख लगाई जाती है. इसके बाद पेड़ की डालियों पर समान्तर ऊंचाई पर बांधे जाते हैं.

कीटों से रोकथाम

लाख की फसल में कीटो की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करना चाहिए. शत्रु कीटों की रोकथाम के लिए फिप्रोनिल का छिड़काव किया जाना चाहिए. कीट और फफूंदनाशक दवा को तैयार करने के लिए फिप्रोनिल और कारबेन्डाजिम पाउडर को पानी में मिलाकर तैयार किया जाता है.

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उत्पादन

इसका उत्पादन साल भर में करीब दो से तीन बार किया जा सकता है. इसका पहला उत्पादन कीट लगाने के 8 महीन और दूसरा 4 महीने बाद किया जा सकता है. आपको बता दें कि इसकी खेती में लगभग 60 से 70 प्रतिशत का फायदा होता है.

English Summary: Earn lakhs by cultivating lakh crops, know the procedure
Published on: 06 April 2023, 11:54 AM IST

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