सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 30 January, 2023 3:33 PM IST
ब्राम्ही बकोपा की खेती

किसानों के लिए औषधीय पौधे कमाई का बड़ा जरिया बनते जा रहे हैं। औषधीय गुणों से भरपूर ब्राह्मी की खेती से किसान लागत से तीन-चार गुना अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। ब्राह्मी बकोपा की खेती बहुत ही लाभदायक है, औषधीय गुणों की वजह से छुट्टा जानवर इसे खाते नहीं हैं दूसरी ओर एक एकड़ में सिर्फ 20 से 25 हजार रुपये की लागत आती है। इस फसल को एक बार लगाने के बाद साल में तीन बार कटाई कर सकते हैं। इसके साथ सहफ़सली के तौर पर मक्का, अरहर की बुवाई कर सकते हैं और एक एकड़ से सालाना 2 से 3 लाख रुपये आसानी से कमा सकते हैं। ब्राह्मी की खेती मुनाफेदार साबित हो रही है, 

आइये जानते खेती का सही तरीका 

इन बीमारियों में लाभदायक- इसकी पत्तिया कब्ज दूर करने में मददगार होती हैं। इसके रस से गठिया का सफल इलाज होता है। ब्राह्मी में रक्तशुद्धी के गुण होते हैं ब्राह्मी दिमाग को तेज करता है और यादाश्त बढ़ाने में भी सहायक है इससे बनी दवाइयों का प्रयोग कैंसर, एनिमिया, दमा, किडनी और मिर्गी जैसे बीमारियों के इलाज में किया जाता है। सांप के कांटने पर भी इसका इस्तेमाल होता है। 

अनुकूल जलवायु- ब्राह्मी की खेती के लिए शीत प्रधान और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्र उपयुक्त होते हैं।

उपयोगी मिट्टी- इसे कई तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है। यह घटिया निकास प्रबंध को भी सहन कर सकती है। यह सैलाबी दलदली मिट्टी में अच्छी पैदावार देती है। इसे दलदली इलाकों, नहरों और अन्य जल स्त्रोतों के पास उगाया जा सकता है। इसके अच्छे विकास के लिए इसे तेजाबी मिट्टी की जरूरत होती है।

खेत की तैयारी- ब्राह्मी की खेती के लिए  भुरभुरी और समतल मिट्टी की जरूरत होती है। मिट्टी को अच्छी तरह भुरभुरा बनाने के लिए, खेत को जोतें और फिर हैरों का प्रयोग करें। जब ज़मीन को प्लाटों में बदल दिया जाये तो तुरंत सिंचाई करें। जोताई करते समय 20 क्विंटल रूड़ी की खाद डालें और मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें।

बिजाई का समय- इसकी बिजाई मध्य जून या जुलाई महीने के शुरू में कर लेनी चाहिए।

बुवाई:- मानसून शुरू होते ही जून-जुलाई महीने में बुवाई कर देनी चाहिए। इसकी बुवाई पूर्णतः विकसित शाखाओं द्वारा की जाती है। शाखाओं को कतारबद्ध तरीके से 60×60 सेमी की दूरी पर लगाना चाहिए। इस प्रकार प्रति हेक्टेयर लगभग 500 की ग्राम या 25000 नग गीली शाखाओं की जरूरत पड़ती है।

ये भी पढ़ेंः ज्वार की फसल कम लागत में देती है अच्छी पैदावार महीनों में कमाएं लाखों रूपए का मुनाफा

सिंचाई - यह एक वर्षा ऋतु की फसल है, इसलिए इसे वर्षा ऋतु खत्म होने के बाद तुरंत पानी की जरूरत होती है सर्दियों में 20 और गर्मियों में 15 दिनों के फासले पर सिंचाई करें।

English Summary: Earn four times more profit from this medicinal plant!
Published on: 30 January 2023, 03:43 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now