अगर आप एक किसान हैं या खेती से थोड़ा भी संबंध रखते हैं तो आपको यह जानकारी तो जरुर ही होगी कि हम बहुत से पेड़ पौधों को अपने खेतों के आस पास सुरक्षा या एक एरिया दर्शाने के लिए लगा देते हैं. इनमें बहुत से पौधे तो फसलों के लिए लाभकारी भी होते हैं. लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे पौधों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके कारण खेतों की भूमि और फसलों को गहरा नुकसान हो जाता है. तो चलिए जानते हैं इससे सम्बंधित पूरी खबर.
बड़े पेड़ों को लगाने से करें परहेज
हम अपने खेतों के आस पास जब भी बड़े पेड़ों को लगते हैं तो उनके बहुत से विपरीत प्रभाव हमारी खेत में होने वाली फसलों पर पड़ते हैं. यह बड़े पेड़ हमारी फसलों में आने वाली रोशनी को तो रोकती ही हैं साथ ही यह जमीन में अपनी मज़बूत पकड़ के लिए जड़ों को गहराई तक ले जाती हैं. इसके अलावा भूमि में बहुत से पोषक तत्वों का अवशोषण कर लेते हैं जिन्हें हम अपनी फसलों की वृद्धि के लिए लगाते हैं. ऐसा होने पर फसलों की पैदावार कम हो जाती है और किसान को नुकसान होता है. तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे पेड़ों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपने खेतों में नहीं लगाना चाहिए.
बबूल (Acacia nilotica): बबूल का पेड़ खेतों के पास नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसके पेड़ की झड़ियां और छाया खेती के लिए किसी भी फसल के लिए हानिकारक हो सकता है. इसकी झड़ियां जमीन में बार-बार गिरकर फसलों को नष्ट करती हैं.
यह भी देखें- मटर की ये बेहतरीन किस्म से किसान बनेंगे मालामाल, जानें पूरी डिटेल
नीम (Neem): नीम का पेड़ खेतों के पास नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसकी पत्तियां और छाया नींबू, चावल और अन्य फसलों के लिए हानिकारक हो सकती हैं. नीम के पत्तों में पाए जाने वाले कुछ केमिकल्स फसलों की ग्रोथ को रोक देते हैं.
सागवान (Eucalyptus): सागवान के पेड़ों को खेतों के पास नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसके पेड़ अत्यधिक पानी पीते हैं और जमीन के नीचे की तरफ लम्बी जड़ें बनाते हैं, जिससे खेतों में पानी की कमी हो जाती है और फसलों को मिलने वाला पानी इन पेड़ों के कारण कम हो जाता है.
खिरनी (Prosopis juliflora): खिरनी का पेड़ खेतों के पास नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसका वृक्ष जड़ों की तरफ बड़ी गहराइयों तक फैल सकता है, जो फसलों को कई तरह से नुकसान पहुंचाती हैं.
बरगद (Banyan): बरगद का पेड़ अपनी छाया के कारण फसलों की ग्रोथ को प्रभावित करता है. साथ ही यह खेत के एक बड़े क्षेत्र को प्रभावित करता हैं, जहां पोषक तत्वों के साथ ही अन्य बहुत सी चीजें फसलों को प्राप्त नहीं हो पाती हैं.
गूच (Lantana camara): गूच एक खतरनाक जड़ी-बूटी है जो फसलों को हानि पहुंचा सकती है. यह फसलों के पास नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसका प्रसार क्षेत्र बहुत ज्यादा बड़ा होता है.
अक्रू (Oleander): अक्रू का पौधा खेतों के पास नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसकी पत्तियां और बीज खतरनाक होते हैं और फसलों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं.
कीकर (Prosopis cineraria): कीकर के पेड़ों की जड़ें जमीन में गहराई तक जाती हैं और खेतों के लिए पानी की कमी पैदा करती हैं.
अर्जुन (Terminalia arjuna): अर्जुन के पेड़ भूमि को अम्लीय बनाते हैं, जो फसलों की ग्रोथ को प्रभावित करता है.
गूंथी (Eupatorium adenophorum): गूंथी का पौधा खेतों में अपने प्रसार के साथ खेती को हानि पहुंचाता है और उचित खिलाने के लिए जगह बनाने में मदद करता है.
इन पौधों और पेड़ों को खेतों से दूर या किसी एक निश्चित स्थान पर लगाना चाहिए जहां आपकी नियमित रूप से बोई जाने वाली फसलों को किसी भी तरह का नुकसान न हो.