अगर आप भी अपने शौक के लिए घर में किचन गार्डनिंग करते हैं और साथ ही आप उनसे अधिक सब्जियां प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको इससे जुड़ी कुछ टिप्स के बारे में पता होना बेहद जरूरी है. तो आइए आज हम इस लेख में 2G, 3G Cutting के बारे में जानते हैं, जो किचन गार्डनिंग के लिए बहुत ही जरूरी है.
पौधे की पहली शाखा को 1जी कहा जाता है और उसमें निकलने वाली दूसरी शाखा को 2जी कहा जाता है. ठीक इसी प्रकार से 3जी की भी शाखा आती है. देखा जाए, तो शाखाएं 4जी और 5जी तक आती हैं, लेकिन अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए 3 जी कटिंग तक ही बेहतर माना गया है.
ऐसे करें 2जी, 3जी कटिंग ? (How to do 2G, 3G cutting?)
जब आपके पौधे की शाखा लगभग 1 मीटर लंबी तक हो जाए और साथ ही उसमें 6 से 7 पत्तियां दिखने लगे, तो उसे सबसे ऊपरी सिरे को काट देना चाहिए. इस प्रक्रिया को 2जी कटिंग कहा जाता हैं. इसके बाद पौधे में दूसरी शाखा आती है और उसे भी 1 मीटर लंबी होने के बाद काट देना चाहिए. इसे 3जी कटिंग कहा जाता है. ऐसा करने से पौधे में कई शाखाएं आने लगती हैं.
क्या है इस कटिंग का फायदा ? (What is the advantage of this cutting?)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब हम पहली कटिंग करते हैं, तो इसमें सिर्फ मेल फ्लावर ही आते हैं, जिसमें फल नहीं बनते हैं. इसी कारण से जब हम दूसरी कटिंग करते हैं, तो पहली शाखा में बहुत सी शाखाएं आने लगती हैं और शाखाओं में हर दूसरी पत्ती में मादा फूल और नर फूल दोनों लगते हैं. इसके बाद जब पौधों की तीसरी कटिंग की जाती है, तो हर एक पत्ती के पास मादा फूल आता है और फिर मादा फूल से ही फल बनते हैं. यानी पौधों की 3 जी कटिंग करने के बाद आपको अधिक फल प्राप्त होते हैं.
इन पौधों की करें 2जी, 3जी कटिंग ? (Do 2G, 3G cuttings of these plants?)
वैसे तो यह कटिंग उन सभी पौधों की जाती है, जिसमें कई शाखाएं आती हैं. जैसे कि बेल वाली सब्जियां, लौकी, खीरा, कद्दू, ककड़ी और करेला आदि सब्जियों के पौधों की 3 जी कटिंग की जाती है.
इसके अलावा आप अपने बगीचे में मिर्च, टमाटर और बैंगन आदि पौधों की भी 3जी कटिंग की जा सकती है. ऐसा करने से आपके पौधे बिना मतलब के अधिक नहीं बढ़ता है और अधिक फल देता है.