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Updated on: 13 January, 2024 11:42 AM IST
गोभी में लगने वाले रोग व कीट के रोकथाम उपाय

Cauliflower: गोभी पारंपरिक सब्जियों में से एक है, जिसका इस्तेमाल भारतीय रसोइयों में बहुत ही अधिक किया जाता है. गोभी कि सब्जी, परांठा, करी आदि बनाई जाती है. गोभी में कई तरह के स्वास्थ्य लाभ पाए जाते हैं, जिसके चलते लोगों के द्वारा इसे अधिक खाया जाता है. ऐसे में अगर किसान गोभी की खेती करते हैं, तो वह इसे कम समय में ही अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. दरअसल, गोभी को उगाने के लिए सही मौसम और मिट्टी का चयन करना महत्वपूर्ण है. इसका सही धारा-कटाव, पूर्व-प्रक्रिया और उचित देखभाल के साथ उगाने से अच्छे पैदावार की जा सकती है.

वहीं, देखा गया है कि गोभी की फसल में कीटों और रोगों का प्रभाव अधिक होता है, जिसके चलते उत्पादन में कमी आती है. इसी क्रम में आज हम किसानों के लिए गोभी में लगने वाले कीट और रोग के रोकथाम के तरीके की जानकारी लेकर आए हैं.

गोभी में लगने वाले कीट व रोग

गोभी में सबसे अधिक सूंडियां कीट देखने को मिलता हैं, जो पत्तियों में छेद कर हरित पदार्थ को धीरे-धीरे खा जाती हैं. इसी तरह से पत्तियों में सिर्फ सफेद झिल्ली ही रह जाती है. शुरूआती समय में यह कीट एक समूह में पत्तियों की सतह को खुरचती हैं और फिर पूरी फसल में फैलकर उसे नष्ट कर देती है. गोभी में सूंडियां कीट के प्रबंधन के लिए किसान को फसल पर बैसिलस थुरेनजियनसिस और ग्रेनुलोसिस वायरस का इस्तेमाल करना चाहिए. तभी इस कीट पर नियंत्रण किया जा सकता है.

गोभी में लगने वाले रोग व कीट

गोभी की फसल में काला सड़न रोग

गोभी में इस रोग का प्रभाव अधिक देखने को मिलता है. इस रोग के चलते फसल की पत्तियों पर पीले रंग के साथ 'वी' आकार के धब्बे बनते हैं, जो किनारों से शुरू होकर पूरी फसल में फैलते हैं. इससे पत्ते की शिराएं गहरे काले रंग के हो जाते हैं, जो उत्पादन पर अपना असर डालते हैं. काला सड़न रोग प्रबंधन के लिए किसान को प्रमाणित बीजों का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा किसान को बीज को गर्म पानी में करीब 30 मिनट तक एक कपड़े की थैली में रखें. फिर स्ट्रेप्टोसाइक्लिन के घोल में 20 मिनट डुबोए. इसके बाद किसान को फसल में करीब 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करना चाहिए.

गोभी की फसल में फूल सड़न रोग

अक्सर गोभी की फसल में फूल सड़न रोग का प्रभाव देखने को मिलता है. इस रोग के चलते फसल के फूल सड़ना शुरू हो जाते हैं. यह पत्तियों व फूलों पर जलसिक्त धब्बों की तरह दिखते हैं. इसके बचाव के लिए किसान को फलों पर कॉपर ऑक्सीक्लोराइड और स्ट्रेप्टोसाइक्लिन के घोल का 8-10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: फूलगोभी के रोग और उनका नियंत्रण

यदि आपके गोभी के पौधों में अन्य कोई समस्या देखने को मिलती हैं, तो ऐसे में स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र या किसान सलाह देने वाले व्यक्ति से संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं.  

English Summary: Diseases and pests of cabbage crop Cauliflower Farming Tips cabbage cultivation Cauliflower crop gobhi ki kheti
Published on: 13 January 2024, 11:49 AM IST

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