Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 7 February, 2023 2:58 PM IST
खीरे की विभिन्न किस्में

Cucumber Farming: खीरा भारत में एक ऐसी सब्जी है जिसे लोग कच्चा खाना बहुत पसंद करते हैं. हमारे देश में लोग इसे सलाद के रूप में खाना पसंद करते हैं. ऐसे में आप यदि खीरे की खेती करते हैं तो आपको अच्छा खासा मुनाफा मिल सकता है. वर्तमान समय में वैज्ञानिक खेती बढ़ने के कारण खीरे की विभिन्न प्रकार की किस्म भी बाजार में आ रही है. ऐसे में आप इनकी खेती कर काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और इसकी खास बात यह है कि इसमें आपको ज्यादा रखरखाव की जरूरत भी नहीं पड़ती है. तो ऐसे में आज हम आपको इस लेख में खीरे की किस्मों के बारे में बतायेंगे जो आपको सेहत के साथ- साथ अच्छा मुनाफा भी देंगी...

पंत संकर खीरा

इस संकर किस्म के खीरे की बुवाई के लगभग 50 दिनों के बाद फल तुड़ाई युक्त हो जाते हैं. यह फल मध्यम आकार में 20 सेंटीमीटर लम्बे और हरे रंग के होते हैं. यह मैदानी भागों तथा पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाते हैं. इसे एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 300 से 350 क्विंटल की पैदावार की जा सकती है.

स्वर्ण अगेती

यह खीरे की एक अगेती किस्म है. बुवाई के 40 से 42 दिनों के बाद इसकी प्रथम तुड़ाई की जाती है. इसके फल मध्यम आकार के हल्के हरे सीधे तथा क्रिस्पी होते हैं. इस किस्म की बुवाई फरवरी से जून के माह के बीच की जाती है. इन फलों की तुड़ाई फल लगने के 5 से 6 दिनों के अन्तराल पर करते रहना चाहिए.

स्वर्ण पूर्णिमा

यह खीरी मध्यम अवधि में तैयार होने वाली फसल है. इसके फल लम्बे, हल्के हरे, सीधे तथा ठोस होते हैं. फलों की तुड़ाई, बुवाई के 45 से 47 के बाद शुरू हो जाती है. सामान्य दशा में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल से 200 से 225 क्विंटल पैदावार की जा सकती है.

पूसा संयोग

यह एक हाइब्रिड किस्म के खीरे होते हैं. इसके फल 22 से 30 सेंटीमीटर लम्बे, बेलनाकार तथा हरे रंग के होते है, जिन पर पीले कांटे पाये जाते हैं. यह किस्म 50 दिन में तैयार हो जाती है. इसे प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल तक की पैदावार मिलती है.

ये भी पढ़ेंः खीरे की खेती करने की उन्नत तकनीक और किस्मों की संपूर्ण जानकारी

पंजाब खीरा

इस किस्म के फल हरे गहरे रंग के होते हैं, जिनका स्वाद कम कड़वा और भार 125 ग्राम होता है. इस किस्म के खीरों की औसतन लंबाई 13 से 15 सेंटीमीटर होती है. इसकी तुड़ाई सितंबर और जनवरी महीने में फसल बोने के 45 से 60 दिनों के बाद की जा सकती है. इसकी औसतन पैदावार 300 से 370 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की होती है.

English Summary: Different varieties of cucumbers and their features
Published on: 07 February 2023, 03:06 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now