फसल के बचे अवशेषों को लेकर कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, जानें क्या करें और क्या नहीं STIHL कंपनी ने हरियाणा में कृषि जागरण की 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' के साथ की साझेदारी कृषि लागत में कितनी बढ़ोतरी हुई है? सरल शब्दों में जानिए खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 13 March, 2023 2:00 PM IST
गरमा धान की खेती

देश में धान की डिमांड रहती है, क्योंकि लगभग 80 फीसदी लोग चावल खाते ही हैं ऐसे में धान की खेती तो मुनाफे का सौदा साबित होती है, साथ ही किसान नई-नई किस्मों की खेती कर डबल मुनाफा कमा रहे हैं, इस बीच बता दें धान की कई किस्मों में से एक गरमा धान की खेती किसानों के लिए बहुत मुनाफा दे रही है इसकी खेती करके किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि गरमा धान की फसल को पक कर तैयार होने में सिर्फ 2 से 3 महीने का ही समय लगता है गरमा धान का प्रयोग चूड़ा बनाने में होता है इसलिए पश्चिम बंगाल में धान की इस किस्म की मांग ज्यादा होती है, 

2 महीने में तैयार फसल

रबी की फसल कटते ही धान की रोपाई शुरू हो जाती है और खरीफ सीजन आने से पहले ही यानी सिर्फ 2 महीने में गरमा धान पक जाती है.

खेती का उपयुक्त समय

गरमा धान की बुवाई के लिए मध्य जनवरी से मध्य फरवरी तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है फरवरी महीने के आखिरी सप्ताह से मार्च के पहले सप्ताह में भी बुवाई की जा सकती है. पछेती बुवाई भी की जाए तो जल्दी तैयार होने के कारण अगस्त महीने में इसकी कटाई हो सकती है. 

गरमा धान की खेती का तरीका

गरमा धान की खेती के लिए पहले उसके बीज को तैयार करना होता है. खास बात ये है कि इसके बीज को तैयार होने में भी अन्य धान की तुलना में कम समय लगता है. बीज तैयार हो जाने के बाद खेत तैयार करके बुवाई की जाती है. बुवाई के समय पौधे को 15 सेंटीमीटर की दूरी पर करनी चाहिए.

पश्चिम बंगाल में काफी डिमांड

बहरहाल गरमा धान की खेती रोहतास जिले के अलावा झारखंड में भी होती है. इस धान की डिमांड पश्चिम बंगाल में काफी ज्यादा है. क्योंकि वहां के व्यापारी इस धान की खरीदारी सबसे अधिक करते हैं वहां इससे बने चूड़े की काफी डिमांड है और इस धान से बना चूड़ा अच्छा होता है.

ये भी पढ़ेंः गरमा फसल कब बोई जाती है और कब काटी जाती है? पढ़िए पूरी जानकारी

अच्छी होती आमदनी

गरमा धान की खेती करने से किसानों को कम समय में अच्छी-खासी आमदनी होती है क्योंकि किसान रबी से खरीफ सीजन के बीच के समय में दो फसल की पैदावार कर लेते हैं. वहीं किसान भी मानते हैं कि उनका गरमा धान की खेती का मकसद कम समय में अधिक मुनाफा कमाना है. इसे देखकर अब धीरे-धीरे आस-पास के जिलों में भी किसान इसकी खेती की ओर रुख कर रहे हैं और एक प्रयोग के तौर पर खेती करके अच्छी कमाई कर रहे हैं.

English Summary: Cultivation of hot paddy will earn double, the crop is ready in just 2 months!
Published on: 13 March 2023, 12:21 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now