गोजी बेरीज को आमतौर पर वुल्फ बेरी के रूप में भी जाना जाता है जो लाल और नारंगी रंग का एक प्रसिद्ध सुपरफूड है जिसका उपयोग कई एशियाई व्यंजनों में होता है इसका स्वाद खट्टा-मिट्ठा और काफी स्वादिष्ट होता है इसकी खेती ठंडे जगहों पर होती है इसलिए यह हिमालय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पाया जाता है हालांकि, यह भारत के लद्दाख में भी पाया जाता है इस फल को कच्चा खाया जाता है. इसके रस को हर्बल चाय के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है इसे आप आसानी से अपने घर में भी उगा सकते हैं ऐसे में जानते हैं गोजी बेरीज को उगाने का तरीका
गोजी बेरीज के फायदे
डायबिटीज़ के रोगियों के लिए गोजी बेरीज़ किसी रामबाण से कम नहीं होतीं. खाने में मीठी होने पर भी ब्लड शुगर को कंट्रोल करती हैं. साथ ही गोजी बेरीज़ ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है और इलाज प्रक्रिया को बढ़ावा देता है. हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ अगर गोजी बेरीज़ का जूस रोज़ पिएं, तो उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल किया जा सकता है. लिवर की बीमारियों और क्षति का इलाज के लिए चीनी दवाओं में गोजी बेरीज़ का उपयोग किया जाता है. यह फल शराब की वजह से होने वाले फैटी लिवर की प्रगति को धीमा करने में मदद करता है.
बुवाई के लिए जगह का चयन
गोजी बेरीज उगाने के लिए सबसे पहले जगह का चयन करें इसको अच्छे प्रकाश की जरूरत होती है ज्यादा पौधे लगा रहे तो पौधों को बढ़ने के लिए ज्यादा खाली जगह की जरूरत होती है.
मिट्टी ऐसे करें तैयार
गोजी बेरीज को उगाने के लिए पौधे को ऐसी मिट्टी में लगाएं जहां से पानी आसानी से निकल सके. इसके मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 8 होना चाहिए, पौधे को रोपने से पहले मिट्टी में खाद मिला दें.
पौधे को सीधा कैसे रखें
गोजी बेरी का पौधा सीधा रखने के लिए जाली लगा दें या पौधे के बगल में छोटे लकड़ी के खूंटे का इस्तेमाल करें जिससे पौधा बिल्कुल सीधी हो सके सीधा न होने से पौधा फैल जाता है जिससे फलों को नुकसान होता है.
ये भी पढ़ें ः खरपतवारों के औषधीय गुण
गोजी बेरीज का हार्वेस्टिंग
आमतौर पर, गोजी बेरीज जुलाई से अक्टूबर तक पक कर तैयार हो जाता है फल को तोड़ने के लिए पौधे के डंठल को तोड़ देते हैं, क्योंकि ऐसा करने से फल को तोड़ने में आसानी होती है. फल को आराम से तोड़ा जाता है नहीं तो फल खराब होने को खतरा रहता है.