Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 28 July, 2023 5:04 PM IST
Cultivation of chickpea

काबुली चने की खेती देश के कई राज्यों में की जाती है. भारत में इसका उपयोग कई प्रकार की  उच्चतम रेसिपी बनाने के लिए किया जाता है. इस चने को छोला चना के नाम से भी जाना जाता है. काबुली चने का रंग हल्का सफेद और हल्का गुलाबी होता है और यह आकार में सामान्य चने से काफी बड़ा होता है. इसका इस्तेमाल सब्जी के साथ-साथ छोले और भूनकर खाने में ज्यादा किया जाता है. इसके सेवन से हमारे शरीर मे पथरी, मोटापा और पेट से संबंधित बिमारियों से छुटकारा मिलता है. आज हम आपको इसकी खेती के जुड़े तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं.

खेती का तरीका

बुवाई

इसकी बुवाई अक्टूबर के महीने में की जाती है. बुआई के लिए खेत की मिट्टी की गहरी जुताई कर लें और बुआई के लिए सीड ड्रिल मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह ध्यान रखें कि बुवाई के दौरान खेत की मिट्टी में उचित नमी बनी रहे.

खाद एवं उर्वरक

खेत में काबुली चने के अच्छे उत्पादन के लि ए खेतो में सुक्ष्म तत्वों की कमी होने पर जिंक सल्फेटबोरान और आयरन से भरपूर अमोनिया युक्ता खाद का छिड़काव करना चाहिए.

सिंचाई

सिंचाई का काबुली चने की अच्छी पैदावारी में एक अहम योगदान होता है. काबुली चने की बुवाई के समय मिट्टी में नमीं बनाए रखना बेहत जरुरी होता है. इसकी बिजाई के बाद खेत में लगभग 25 से 30 दिनों के बाद सिंचाई करना पड़ता है. आप इसकी सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

रोग

काबुली चने में धूसर फफूंद, चनी फली, दीमक और कटुवा जैसे रोग ज्यादा लगते हैं. इन रोगों से निवारण के लिए समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करना जरुरी होता है. इनके रोकथाम के लिए ट्राईकोडर्मा और सूडोमोनास जैसे कीटनाशक का उपयोग कर बीज का उपचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: कद्दू की इस नई किस्म से किसान होंगे मालामाल, उपज 325-350 कुंतल प्रति हेक्टेयर

पैदावार

काबुली चने की एक एकड़ के खेत में 15 से 20 क्विंटल की उपज होती है. वर्तमान में बाजार में इसकी कीमत 6 हजार रुपये प्रति कुंतल है. इसका बेहतर उत्पादन कर किसान भाई अच्छी कमाई कर सकते हैं.

English Summary: Cultivation of chickpea and know what are its benefits
Published on: 28 July 2023, 05:08 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now